
FIR lodged against suspended inspector Amroha: हाईकोर्ट में काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित हुए वासुदेव चौकी इंचार्ज दरोगा परशुराम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उनके खिलाफ शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यह मुकदमा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है, जिसकी विवेचना एसएसआई अभिलाष प्रधान को सौंपी गई है।
दरअसल, रिश्वत मांगने से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें दरोगा परशुराम पर हाईकोर्ट में सीए दाखिल करने के नाम पर 10 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया गया था। वायरल वीडियो के बाद एसपी अमित कुमार आनंद ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
वीडियो वायरल होने के बाद दरोगा परशुराम ने शिकायतकर्ता मुजीबुर्रहमान के खिलाफ अमरोहा देहात थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने मुजीबुर्रहमान व उसके दो भाइयों मोहम्मद अजीम और मोहम्मद समी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इससे पहले भी त्रिपोलिया निवासी मुजीबुर्रहमान और उनके भाइयों पर करीब आठ महीने पूर्व गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस मामले की विवेचना दरोगा परशुराम ही कर रहे थे, जिसमें चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है।
मुजीबुर्रहमान का आरोप है कि 19 मार्च को दरोगा परशुराम ने बातचीत के बहाने चौकी बुलाया और प्रयागराज जाने व कोर्ट में सीए दाखिल करने के एवज में 10 हजार रुपये की मांग की। इस दौरान उन्होंने चुपके से बातचीत का वीडियो बना लिया और बाद में उसे वायरल कर दिया।
इसके बाद दरोगा परशुराम ने मुजीबुर्रहमान के घर जाकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित ने इस संबंध में शहर कोतवाली में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने सीजेएम कोर्ट की शरण ली।
शहर कोतवाल पंकज तोमर ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर निलंबित दरोगा परशुराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
21 May 2025 10:57 am
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