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गिरदावरी न होने से फसल विक्रय के लिए पंजीयन नहीं करा पा रहे किसान, 41 ग्राम पंचायतों में गिरदावरी का कार्य शून्य

जिले में गिरदावरी न होने के कारण किसान फसल विक्रय के लिए अपना पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं। जिलेभर में 20 जनवरी से फसल विक्रय का पंजीयन का कार्य किया जा रहा है इसके बावजूद अभी तक सिर्फ गिने-चुने किसानों ने ही अपना पंजीयन कराया है। बीते वर्ष अनूपपुर जिले में 1794 किसानों ने […]

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जिले में गिरदावरी न होने के कारण किसान फसल विक्रय के लिए अपना पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं। जिलेभर में 20 जनवरी से फसल विक्रय का पंजीयन का कार्य किया जा रहा है इसके बावजूद अभी तक सिर्फ गिने-चुने किसानों ने ही अपना पंजीयन कराया है। बीते वर्ष अनूपपुर जिले में 1794 किसानों ने अपना पंजीयन गेहूं फसल के विक्रय के लिए कराया था। 832 किसानों से 19 हजार 542 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई थी। इस वर्ष खरीदी के पंजीयन को प्रारंभ हुए 1 महीने का समय व्यतीत हो चुका है लेकिन अभी तक काफी कम किसानों ने अपना पंजीयन कराया है जिसके पीछे वजह बताई जा रही है कि राजस्व अधिकारियों ने गिरदावरी का काय समय पर पूर्ण नहीं किया है।

पंजीयन के लिए किसान परेशान

फसल गिरदावरी समय पर न होने से संबंधित किसान परेशान हैं। जिसको लेकर के वह पटवारियों के चक्कर काट रहे हैं। पूर्व में पटवारियों की हड़ताल के कारण कई दिनों तक यह कार्य पूरी तरह से बंद हो गया था। हड़ताल तो समाप्त हो गई लेकिन अभी तक इस कार्य में कोई प्रगति नहीं आई है। गिरदावरी न होने से पंजीयन का कार्य अटका है।

जिले में गिरदावरी की यह है स्थिति

जिले में फसल गिरदावरी का कार्य काफी धीमी गति से हो रहा है जिसके कारण पंजीयन कार्य प्रभावित है। जिले में कुल 290 पटवारी हल्के हैं जिनमें 603 ग्राम है। कोतमा तहसील में 70 पटवारी हल्का में 153 गांव, पुष्पराजगढ़ में 120 पटवारी हल्का में 275 गांव, जैतहरी में 43 पटवारी हल्का में 68 गांव, अनूपपुर में 57 पटवारी हल्का में 107 गांव हंै। अभी तक 41 ग्राम पंचायत ऐसे हैं जहां फसल गिरदावरी का कार्य बिल्कुल भी नहीं किया गया है। 343 गांव ऐसे हैं जहां आधे किसानों का ही फसल गिरदावरी का कार्य किया गया है। 132 गांव ऐसे हैं जहां 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक गिरदावरी का कार्य किया गया है। सिर्फ 86 गांव ऐसे हैं जहां गिरदावरी का कार्य 90 से 100 प्रतिशत तक किया जा चुका है।