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बच्चों के बस्तों का वजन कम होगा, स्कूलों में होगी बस्तों की जांच

कमिश्नर ने गुणवत्तायुक्त शिक्षा, भोजन और समय पर कक्षाओं के संचालन के दिए निर्देश

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अनूपपुर। स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की तैयारी चल रही है। जल्द ही सबकुछ ठीक रहा तो स्कूल जाने वाले बच्चे कम वजन वाले बस्ते स्कूल ले जा सकेंगे। ज्यादातर स्कूलों के बच्चों के बस्ते का वजन 8 से 10 किलो तक पहुंच जाता है, इससे बच्चों को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

कमिश्नर राजीव शर्मा ने इसके लिए अभियान चलाने को कहा है। शर्मा ने शिक्षकों से कहा कि वे स्कूली छात्र-छात्राओं को बस्ते के बोझ से मुक्त कराएं। यह शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह इसे अपना काम समझें तथा स्कूली छात्र को कम वजन का बस्ता लाने के लिए प्रोत्साहित करें। संभाग में 4 अगस्त से बस्तों के वजन की जांच का अभियान चलाया जाएगा। बच्चों का बस्ता कम वजन व शासन के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप होना चाहिए।

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बुधवार को एकलव्य आदर्श आवासीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल पहुंचे कमिश्नर प्रधानाचार्यों व शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुखों को निर्देश दिए कि सभी स्कूलें समय पर संचालित हों तथा छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। स्कूलों में निर्धारित समयावधि में पठन-पाठन का कार्य होना चाहिए और निर्धारित समयावधि के बाद ही स्कूल बन्द होने चाहिए।

संभाग के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, जिला परियोजना समन्वयक इसकी मानीटरिंग करेंगे। सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में निर्धारित मेन्यू के अनुसार गुणवत्ता पूर्ण मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराएं। मध्यान्ह भोजन वितरण कार्यक्रम की मॉनीटरिंग भी निरंतर करें तथा उदासीनता बरतने वाली स्वसहायता समूहों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए नाम प्रस्तावित करें। बैठक में कलेक्टर सोनिया मीणा, जिपं सीइओ सोजान सिंह रावत, संयुक्त संचालक शिक्षा सहदेव सिंह मरावी सहित आदिम जाति कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्कूलों में फुटबॉल क्लब का गठन करें

कमिश्नर ने कहा कि संभाग के सभी स्कूलों में फुटबॉल क्लबों का गठन कर छात्र-छात्राओं को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों में अपार खेल प्रतिभाएं होती हैं, बस खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। कलेक्टर सोनिया मीना ने कहा कि कमिश्नर शहडोल की ओर से शहडोल संभाग में अच्छी पहल की गई है। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही स्कूल स्वच्छ और सुन्दर होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक प्रेरणादायी कार्य है। इसे हम सब लोगों को मिलकर मूर्तरूप देना होगा।