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सीधी बस हादसे के बाद भी बेसुध आरटीओ व जिला प्रशासन, अबतक बसों की नहीं हुई जांच

जर्जर वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी, एक वाहन पर 4500 का चालान

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Insane RTO and district administration even after direct bus accident,

सीधी बस हादसे के बाद भी बेसुध आरटीओ व जिला प्रशासन, अबतक बसों की नहीं हुई जांच

अनूपपुर। सीधी जिले में बस हादसे में 53 यात्रियों की जान जाने के बाद भी अनूपपुर जिले में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और आरटीओ की नींद नहीं खुल रही है। बसों की जांच के लिए अधिकारी सडक़ों पर नहीं उतरे हैं। अधिकारियों की अनदेखी में बस ऑपरेटर पूर्व की भांति ही बिना मोटर व्हीकल एक्ट मानकों के अनुसार बसों का परिचालन कर रहे हैं। कंडम बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों की सवारी कराई जा रही है। जिसमें थोड़ी सी चूक में दर्जनों यात्रियों की जान जा सकती है। जिले में लगभग ६५ बसे रजिस्टर्ड है, जबकि ४५० से अधिक छोटी-बड़ी माल परिवहन से जुड़ी वाहनें हैं। लेकिन अबतक एक भी बसों की कागजी जांच और फिटनेस जांच कार्रवाई तक नहीं हो सका है। अनूपपुर जिले से जैतहरी, कोतमा, बिजुरी, राजेन्द्रग्राम, डिंडौरी, जबलपुर, और छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ तक परिचालन किया जाता है। इन बसों में सुबह और शाम ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार के लिए शहरी क्षेत्रों की ओर आने वाले मजदूरों के साथ दूर यात्रा करने वाले मुसाफिर भी शामिल होते हैं। अनूपपुर-राजेन्द्रग्राम मार्ग पर शहडोल जिले से भी बसों की आवाजाही होती है। इस रूट में पहाड़ी मार्ग के कारण सबसे अधिक दुर्घटनाएं भी घटित हुई, जिसमें बसों की जर्जर स्थिति और बिना प्रशिक्षित चालकों द्वारा बस संचालन माना गया। कोरोना में अधिकांश यात्री टे्रनों के बंद होने से बस ही यात्रा का एक मात्र विकल्प है। जिसका फायदा बस संचालकों द्वारा अधिक सवारियों को बैठाने के साथ अधिक किराया वसूली के रूप में किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं, बावजूद अधिकारियों की अनदेखी हावी है। जिसका खामियाजा यात्रियों को अपनी जान गंवाने पर मजबूर किए हुए हैं।
बॉक्स: प्रभार में जिला परिवहन कार्यालय अधिकारी
जनवरी माह में जिला परिवहन कार्यालय अधिकारी(आरटीओ) के तबादले के बाद अनूपपुर जिले का प्रभार शहडोल जिला परिवहन अधिकारी को सौंपा गया। लेकिन पिछले माहभर के दौरान आरटीओ अधिकारी द्वारा कभी वाहनों को लेकर कोई कार्रवाई अभियान नहीं चलाया गया। वहीं सीधी घटना के बाद शहडोल में कार्रवाई की, लेकिन अनूपपुर को इसे दूर रखा।
बॉक्स: जिला यातायात प्रभारी और पुलिस भी उदासीन
अन्य जिलों में जिला यातायात प्रभारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा भी कार्रवाई की गई। जबकि अनूपपुर में इस कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों ने भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं जिला यातायात प्रभारी के लोकायुक्त टीम द्वारा किए गए ट्रेप के बाद शेष अमला भी सिर्फ ड्यूटी निभाने तक सीमित रह गए हैं।
वर्सन: हमनें कोतमा में दो बसों की जांच की है। एक बस पर ४५०० रूपए का चालान बनाया है। दूसरी बस छत्तीसगढ़ की थी, जिसके लिए आरटीओ को फिटनेस समाप्त करने की अपील की है। मुख्य क्षेत्रों में कार्रवाई नहीं हो सकी है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
आशुतोष भदौरिया, प्रभारी आरटीओ अनूपपुर।
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