
अनूपपुर ञ्च पत्रिका. जिले में दीपावली के पर्व को लेकर के आदिवासी क्षेत्र में विभिन्न मान्यता है जिसका पालन यहां के लोग वर्षों से कर रहे हैं। जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड में आदिवासी समाज दीपावली पर पूजा अर्चना करने के साथ ही कुल देवता की पूजा करते हुए इस पर्व को मनाने की परंपरा यहां रही है। पूजा करने के बाद रात भर देवारी नाच करते हैं यादव समाज के लोग पुष्पराजगढ़ विकासखंड के ग्राम भेजरी निवासी अर्जुन सिंह टेकाम ने बताया कि गांव में यादव समाज के लोग दीपावली के दिन खरीखा (वह स्थान जहां गांव भर के मवेशी एकत्र होते हैं) में जाकर के पूजा करते हैं जिसके बाद वह गांव की ओर लौटते हैं और घर-घर जाकर के देवारी नृत्य करने के साथ ही लोकगीत गाते हैं। यह सिलसिला दीपावली से एकादशी तक चलता है। उपवास रखकर गाय के बछड़े के नीचे से निकलने की है परंपरा ग्रामीण बलवंत सिंह धुर्वे ने बताया कि दीपावली के अगले दिन गांव के युवक उपवास रखकर मौन व्रत रखते हैं साथ ही गए के बछड़े के पैरों के नीचे से निकालने की परंपरा का निर्वहन बीते कई वर्षों से किया जा रहा है। इसके बाद गाय की पूजा करते हुए उसे लक्ष्मी स्वरूप मानकर गांव कुल तथा घर के लोगों की सुख तथा संपन्नता की प्रार्थना की जाती है।
Published on:
29 Oct 2024 12:29 pm
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