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आदेशों तक सिमटा नया बस स्टैंड

तीन साल से निर्मित प्लेटफार्म तक नहीं पहुंची बसें, जमीनी विवादों और प्रशासकीय अनदेखी ने नगरवासी परेशान

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new bus stand till orders

अनूपपुर. जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित कर प्रशासन द्वारा पुराना बस स्टैंड की बजाय नए बस स्टैंड से बसों के परिचालन के जारी आदेश अब कागजों तक सिमट गए हैं। ९९ लाख की लागत से बनी रेलवे अंडरब्रिज स्थित प्लेटफार्म अब बच्चों के खेलने का स्थान बन गई है। जबकि पुरानी बस स्टैंड में बसों की रेलमपेल में पल-पल जाम की स्थिति बन रही है। वहीं सकरी मार्ग से बसों की आवाजाही में आम नागरिक सहमा हुआ है, बावजूद प्रशासन द्वारा नए बस स्टैंड से बसों के परिचालन में सुस्त नजर आ रही है। वहीं बार बार जिला प्रशासन के जारी आदेशों की तामिल में न तो स्थानीय पुलिस और ना ही बस संचालक पहल कर रहे हैं। परिणामस्वरूप दर्जनभर बसों के स्थान पर अब दो दर्जन बसों का ठहराव किया जा रहा है, जहां जगह नहीं मिलने पर बस चालक बसों को सड़क पर भी खड़े करने से नहंी चूक रहे हैं। बताया जाता है कि वर्ष २०१५ के दौरान जिला मुख्यालय में राजेन्द्र्रग्राम, मनेन्द्रगढ़, अमरकंटक, कोतमा, शहडोल, बिजुरी, बैंकटनगर, जैतहरी सहित अन्य दर्जनों स्थानों से आने वाली आधा सैकड़ा से अधिक बसों के ठहराव के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने मेगा बस स्टैंड परियोजना के अनुरूप बस स्टैंड बसाने की योजना की। जिसमें शहर के अंदर भारी वाहनों के प्रवेश को रोकते हुए फिलहाल करोड़ रूपए की लागत से रेलवे अंडरब्रिज शहडोल मार्ग पर नए बस स्टैंड का निर्माण कार्य आरम्भ करवाया था। लेकिन पिछले तीन साल से बस स्टैंड के निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
बताया जाता है कि जिला प्रशासन की पहल पर नपा ने वर्ष २०१५ में १ करोड़ रूपए की लागत से नए बस स्टैंड का निर्माण कार्य आरम्भ करवाया था। इस निर्माण के साथ ही नपा ने ६४ लाख की लागत से रैन बसैरा का भी निर्माण कार्य आरम्भ करवा दिया। लेकिन इन निर्माण कार्य में जिला प्रशासन सहित नपा अनूपपुर के अधिकारियों ने रेलवे की जमीन का सीमांकन व नक्शा तरमीम की अनदेखी कर दी। रेलवे की इस आराजी खसरा नम्बर २/०.०२५२ को रेलवे द्वारा १९६७ में ही अधिग्रहित किया गया था। हालांकि बाद में रेलवे प्रशासन द्वारा बार बार जमीनी समस्याओं के निराकरण की अपील की गई। लेकिन दूसरी ओर नपा ने इसे अपना जमीन कहते हुए बैठक से इंकार कर दिया। वहीं दूसरी ओर रेलवे बोर्ड बिलासपुर ने भी आपत्ति दर्ज कराते हुए सम्बंधित जमीन के अलावा आसपास के अन्य स्थानों पर भी अपनी सीमा दर्शा दिया। नगरपालिका सूत्रों के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर ने नवनिर्माणधीन बस स्टैंड को मैगा टर्मिनल बनाने की योजना बनाई थी। जहां लगभग १००-१५० की संख्या में बसों का ठहराव किया जा सकता था। जबकि पुराने वाले बस स्टैंड को तोड़कर वहां मिनी शॉपिंग मॉल खोला जाता। लेकिन सभी प्रस्तावित योजनाएं बजट व जमीन के अभाव में ठंड बस्ते में है।
इनका कहना है
हमने प्रशासन से पत्राचार करते हुए पहले जमीन आवंटन कराने की अपील की है। जबतक जमीन का सीमांकन कर उसे नपा को नहीं सौंपा जाता, तबतक निर्माण कार्य नहीं आरम्भ हो सकेंगे। रेलवे उसे अपनी जमीन बताती है जबकि राजस्व अपना।
रामखेलावन राठौड़, अध्यक्ष नपा अनूपपुर