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अनूपपुर

फर्जी बैंक का संचालन करते हुए डेढ़ करोड रुपए की ठगी, अब 81 निवेशकों के रिकॉर्ड मिले

अनूपपुर के साथ ही चार अन्य जिलों में भी फर्जी बैंक बनाकर फिक्स डिपाजिट के नाम पर उपभोक्ताओं से ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार

अनूपपुरMay 12, 2025 / 12:19 pm

Sandeep Tiwari

फर्जी बैंक का संचालन करते हुए डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी का का मामला सामने आया है। आरोपियों ने अनूपपुर में बैंक खोलते हुए लोगों को 25 से 30 प्रतिशत ब्याज का झांसा देकर रुपए बैंक खातों में जमा कराए। अनूपपुर सहित मध्यप्रदेश के पांच जिलों में डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट एवं इन्दौर में फिक्स डिपाजिट एवं लोन दिलाने के लिए आईडीसीएस इंडिया नाम से कार्यालय खोलते हुए लोगों से डेढ़ करोड़ रुपए जमा कराए। इसक बाद बैंक बंद कर फरार हो गए। मामले की शिकायत पीडि़त उपभोक्ताओं ने जब पुलिस के पास की तो पुलिस भी हैरान रह गई, क्योंकि जिस नाम से बैंक का संचालन किया जा रहा था ऐसा कोई बैंक था ही नहीं। मामले में अनूपपुर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभिजीत सिंह पिता चारधाम सिंह उम्र करीब 32 साल निवासी वार्ड न. 14 पुरानी बस्ती अनूपपुर ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि तहसील कार्यालय के पास गिरधारीलाल सोनी के किराए के भवन में खोली गई आईडीसीएस इंडिया नाम की बैकिंग कंपनी के ब्रान्च मैनेजर दीपक उपाध्याय एवं सीईओ योगेश श्रीवास ने जमा राशि पर 6 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज देने का झांसा देकर 3 दिसंबर 2024 को एक लाख रूपए की फिक्स डिपाजिट कराई और बाण्ड लेटर दिया। पिछले तीन माह से कंपनी का आफिस बंद है एवं ब्याज राशि भी मिलना बंद हो चुकी है। रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर आईडीसीएस इंडिया के अनूपपुर कार्यालय को सील कर दिया। कंपनी के मालिक एवं सीईओ योगेश श्रीवास पिता कन्हैयालाल श्रीवास उम्र 22 वर्ष निवासी महराजपुर जिला मण्डला एवं ब्रान्च मैनेजर दीपक उपाध्याय पिता चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय उम्र 28 वर्ष निवासी भुआ बिछिया जिला मण्डला को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। बैंक संचालक के लिए मकान किराए से देने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भी अपराध दर्ज किया गया है।

फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को दिया ज्यादा ब्याज का झांसा

प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि 13 अक्टूबर 2023 को योगेश श्रीवास ने फाइनेंशियल कंसल्टेंसी पर्सनल बिजनेस और होम लोन सपोर्ट का काम किए जाने के लिए आईडीसीएस इंडिया नाम से जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन कराया एवं कंपनी का पेन नम्बर प्राप्त किया। साथ ही कॉर्पोरेट मंत्रालय से इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया। कंपनी को केवल वित्तीय परामर्श देने की अनुमति थी, लेकिन आरोपियों ने निवेशकों से आईडीसीएस इंडिया का स्टेट बैंक ऑफ मारीसस से अनुबंधित होने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर ऊंची ब्याज दर का लालच देकर फिक्स डिपाजिट कराई। योगेश श्रीवास निवासी मण्डला ने पहले डिण्डौरी में इसके उपरांत मण्डला, बालाघाट, अनूपपुर एवं इन्दौर जिलो में विभिन्न स्थानों पर किराए से भवन लेकर आफिस खोले।

जब्त किए गए बैंक से संबंधित दस्तावेज

शनिवार की शाम कोतवाली पुलिस ने आईडीसीएस इंडिया के कार्यालय की तलाशी में एफ.डी. एवं लोन के कई दस्तावेज स्मार्ट फोन, 5 लैपटाप, 2 प्रिन्टर, बैंक चेक, स्टेट बैंक आफ मारीसिस के फर्जी तैयार बैकिंग फार्म विभिन्न बिल, स्टेशनरी सामान जब्त किए। अभी तक की विवेचना में 81 निवेशकों से कुल 1 करोड़ 51 लाख रूपए धोखाधड़ी कर अर्जित किये जाने के रिकार्ड पुलिस को मिले हैं। मुख्य आरोपी योगेश श्रीवास ने निवेशकों की गाढी कमाई से प्राप्त धनराशि से 20 लाख रूपए की महंगी लक्जरी कार, साढ़े तीन लाख रूपए की मोटर सायकल, पांच लाख रूपए के सोने के जेवरात, मण्डला में पचास लाख रूपए का आवासीय प्लाट खरीद चुका है। इन्हें जब्त करने की कार्रवाई में पुलिस जुटी है। साथ ही निवेशको से अर्जित धनराशि से ही अनूपपुर सहित डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट एवं इन्दौर में किराए के कार्यालय में महंगा आफिस सेटअप तैयार करना बताया गया। पुलिस ने आरोपियो के सभी एकाउंट सीज करा दिए हंै।

53 लोगों को नौकरी पर रखा, वेतन भी नहीं दिया

आरोपियों ने फर्जी बैंक का संचालन पांच जिलों में प्रारंभ किया और यहां बैंक स्टाफ के रूप में 53 लोगों की नियुक्ति की। जिनकी नियुक्ति की गई उन्हें भी यह नहीं बताया गया कि यह बैंक फर्जी है और उन्हें कुछ दिनों में वेतन मिल जाने की बात कहकर कार्य लेते रहे।

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