अनूपपुर। जिले में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से पूर्व १८ से ६० वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों में लगाए जाने वाले टीकाकरण अभियान में गर्भवती माताओं में वैक्सीनेशन की गति धीमी है। कोख में पल रहे नवजात और जन्म लेने वाले नौनिहालों की सुरक्षा से पूर्व टीकाकरण की धीमी रफ्तार से तीसरी लहर के सम्भावित खतरे इन माताओं पर मंडरा रहें है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के सम्भावित खतरों में रोजाना मरीजों की संख्या में लगातार उतार चढ़ाव जारी है। लेकिन इन उतार चढ़ाव में चिकित्सा विज्ञान तीसरी लहर से इंकार नहीं कर रहे रहे हैं। बताया जाता है कि कोविड १९ वैक्सीनेशन के लिए जिले में २२४१० गर्भवती माताएं लक्षित की गई है। जिसमें अब तक ९०४ माताओं का टीकाकरण सम्भव हो पाया है। इसमें भी दूसरी डोज के लिए कम माताएं ही उपलब्ध हो सकी है। जबकि २३ जुलाई से आरम्भ हुए गर्भवती माताओं के टीकाकरण में यह लक्ष्य अब तक ३५०० के आसपास होना चाहिए था। लेकिन इनमें मात्र ९०४ गर्भवती महिलाओं को ही टीका लग सका है। विभागीय जानकारी के अनुसार गर्भवती माताओं को टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए जच्चा और बच्चा को सुरक्षित रखने विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है। जिसमें टीकाकरण औ उस दौरान किसी आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं के आधार पर टीकाकरण जिला अस्पताल और सीएचसी सेंटर पर ही कराए जा रहे हैं। जिले में जिला अस्पताल के अलावा ८ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, इनमें जैतहरी, कोतमा, परासी, कोठी, राजेन्द्रग्राम, फुनगा, वेंकटनगर, करपा हैं। [typography_font:18pt]बॉक्स: जिले के ६०३ गांवों में ८ सीएचसी, गांवों से सेंटर की अधिक दूरी[typography_font:18pt]नवीन आंकड़ों के अनुसार जिले में २८२ ग्राम पंचायतों में ६०३ गांव है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मात्र ८ सीएचसी हैं। लेकिन इनमें कोठी सीएचसी बंद हैं। जिसके कारण सुदूर ग्रामीण अंचलों में रहने वाली गर्भवती माताएं लम्बी दूरी तय कर सीएचसी सेंटर नहीं पहुंच रही है। इनमें जिले के चारों विकासखंड के अनेक गांव ऐसे हैं, जहां परिवहन सुविधाओं के अभाव में लोग निजी वाहनों से आगे का सफर तय करते हैं। वहीं पुष्पराजगढ़ जैसे पहाड़ी क्षेत्र में उंची नीचे कच्ची और पत्थरीली सडक़ पर वाहनों से गर्भवती को यात्रा कराना खतरनाक है। स्वास्थ्य जानकारों का कहना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर पीएचसी पर ग्रामीण महिलाएं आसानी से पहुंच सकती है। और यहां टीकाकरण अभियान चलाकर अधिक लोगों को लाभांवित किया जा सकता है। लेकिन पीएचसी सेंटर पर अब्र्जवेशन सेंटर सहित आपातकालीन व्यवस्थाओं की कमी है। जिसके कारण यहां टीकाकरण जैसे अभियान नहीं चलाए जा सकें हैं। लेकिन टीकाकरण में तेजी लाने ऐसे सेंटरों को भी संचालित किया जाना आवश्यक है।[typography_font:18pt]बॉक्स: अब तक कहां कितने टीकाकरण[typography_font:18pt]विखं लक्ष्य प्रथम द्वितीय [typography_font:18pt]अनूपपुर ५२४७ ४३३ [typography_font:18pt]जैतहरी ३३७२ १८८[typography_font:18pt]कोतमा ६३६२ १७७ ०१[typography_font:18pt]पुष्पराजगढ़७४२९ १३४ [typography_font:18pt]-----------[typography_font:18pt]वर्सन: [typography_font:18pt]अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के लिए व्यवस्थाएं नहीं हो सकी है। सीएचसी सेंटर पर उपकरण के साथ आपातकालीन सेवाएं होती, जिसके कारण जिला अस्पताल और सीएचसी सेंटर ही टीकाकरण के उपयोग में लाए जा रहे हैं।[typography_font:18pt]डॉ. बीडी सोनवानी, सीएमएचओ अनूपपुर। [typography_font:18pt;" >----------------------------------------------