
जिला मुख्यालय में मीट मार्केट के नाम पर तैयार की गई दुकानों में आज तक व्यापारियों को शिफ्ट नहीं किया गया है। सिर्फ दो मीट दुकानों का संचालन यहां हो रहा है। बाकी की दुकानें रिहायसी क्षेत्र में ही लग रही हंै। इस वजह से जिन व्यापारियों ने मीट मार्केट में दुकान ले रखी है, उन्हें घाटे का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2017 में मीट मार्केट का निर्माण किया गया था। 12 दुकान निर्मित की गई थीं। इनमें से सिर्फ दो दुकानों की नीलामी हुई है। बावजूद इसके नगर पालिका ने यहां पर 12 और दुकानों का निर्माण करा दिया है। कई बार बाजार से मीट दुकानों को मीट मार्केट में शिफ्ट किए जाने की कार्रवाई की गई लेकिन व्यापारियों ने मनमानी करते हुए फिर से बाजार क्षेत्र में इसका संचालन प्रारंभ कर दिया। इस वजह से यहां बनी दुकानों की नीलामी नहीं हो पा रही है।
मीट मार्केट में सड़क और बिजली की सुविधा आज तक व्यापारियों को नहीं मिल पाई है। कच्चे पगडंडी रास्ते से होकर के मीट मार्केट तक दुकानदारों और ग्राहकों को पहुंचना पड़ता है। मीट दुकान संचालक कमल ने बताया कि यहां पर सुविधाओं का विस्तार कर दिया जाए तो ग्राहक आने लगेंगे। अव्यवस्थाओं के बीच हमें दुकान का संचालन करना पड़ता है।
मीट व्यापारी इनायत ने बताया कि सभी व्यापारियों के साथ एक जैसा व्यवहार नगर पालिका से होना चाहिए। या तो सभी व्यापारियों को बाजार में मीट दुकान संचालन की अनुमति दे दी जाए या फिर सभी को मीट मार्केट में शिफ्ट किया जाए। इससे व्यवसाय में एकरूपता रहेगी और सभी व्यापारियों को समान अवसर मिलेगा।
मीट मार्केट में जो भी कार्य बाकी हैं उन्हें जल्द ही किया जाएगा। बाजार क्षेत्र में लग रही दुकानों को भी यहां शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। प्रदीप झरिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनूपपुर
Published on:
12 Oct 2025 10:46 pm
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