
चुनावी साल में भाजपा को बड़ा झटका : सेकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे दिग्गज नेता
मध्य प्रदेश के लिए 2023 चुनावी साल है। ऐसे में प्रदेशभर में नेताओं का दल बदल करने का सिलसिला भी जोरों पर है। ये बात भी जिले का हर राजनीतिक जानकार समझ रहा था कि, सिंधिया का गढ़ कहे जाने वाले अशोकनगर में बीते कई दिनों से राजनीतिक हलचल मची हुई थी। इसी हलचल के बीच अब प्रदेश के सत्ताधारी दल यानी भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा झटका लगने जा रहा है। खबर सामने आई है कि, भाजपा के कद्दावर नेता और तीन बार के पूर्व विधायक स्वर्गीय देशराज सिंह यादव के बेटे और जिले के सक्रीय भाजपा नेता यादवेंद्र सिंह बुधवार को कांग्रेस की सदस्यता लेने जा रहे हैं। हालही में ये जानकारी भी सामने आई है कि, यादवेंद्र सिंह कांग्रेस की सदस्यता लेने के लिए भोपाल रवाना भी हो चुके हैं। बता दें कि, यादवेंद्र यादव के साथ भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता भी दलबदल करने जा रहे हैं।बुधवार की सुबह जिले से एक बड़ा काफिला वाहनों पर सवार होकर भोपाल स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के लिए रवाना हुआ है।
भोपाल के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि, जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हुए हैं, तब से उनकी और उनके सेकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ साथ समर्थकों की उपेक्षा हो रही है। यही नहीं, जनता के बीच भी कोई काम नहीं हो रहा है, यही कारण है कि, अब वो भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। उन्होंने बताया कि, बीते दो वर्षों से लगातार वो अपने और अपने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा झेल रहे हैं।
सिंधिया के खिलाफ रहे थे स्वर्गीय देशराज
सिंधिया परिवार हमेशा से ही गुना सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ता आ रहा है। माधवराव सिंधिया का आखिरी चुनाव व ज्योतिरादित्य सिंधिया का पहले चुनाव के प्रतिद्वंदी स्वर्गीय देशराज सिंह यादव रहे थे। सिंधिया परिवार दोनों चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, जबकि देशराज सिंह बीजेपी के टिकट पर लोकसभा लड़े थे। जिले में कई दफा ऐसे मामले आए जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ देशराज सिंह जमकर बरसते यही कारण रहा कि, दोनों की राजनीतिक दुश्मनी मानी जाती थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि, पिता की राजनीतिक दुश्मनी के चलते राव परिवार में उनके बेटे के साथ पार्टी में उपेक्षा हुई।
परिवार का राजनीतिक सफर
राव परिवार को जिलेभर में राजनीतिक प्रतिष्ठित परिवार माना जाता है। अशोकनगर जिला बनने से पहले और बाद में जिले में भाजपा को स्थापित करने में स्वर्गीय देशराज सिंह यादव का बड़ा योगदान रहा। उन्हें हमेशा जिले के दिग्गज नेता में शुमार किया जाता था। देशराज सिंह यादब तीन बार विधायक रहे। यही नहीं, उन्होंने दो बार सिंधिया के खिलाफ सांसद का चुनाव लड़ा था । 1990 में पहली बार विधायक चुने गए थे, सन 1998 में दूसरी बार विधायक चुने गए और 2008 में उन्हें तीसरी बार विधायक चुने गए। उन्होंने अपने जीवन में 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके साथ ही, भाजपा के टिकट पर उन्हें दो बार लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका भी मिला था।
परिवार के अन्य सदस्यों का राजनीतिक सफर
उनकी पत्नी बाईसाहब यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं हैं यादवेंद्र सिंह यादव जिला पंचायत उपाध्यक्ष रह चुके हैं उनकी छोटी बहू रीना यादव जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं वर्तमान में पूर्व मंडी अध्यक्ष अजय सिंह यादव राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जनप्रतिनिधि है।
Published on:
22 Mar 2023 12:01 pm
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