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करीला धाम में खुलीं दान पेटियां, चढ़ावे में आया इतना पैसा कि फटी रह गई आंखें

Karila Mela: तीन दिवसीय करीला मेला में उमड़ा जन सैलाब, श्रद्धालुओं ने जमकर की पैसों की बारिश, चढ़ावे में भर-भर कर आया पैसा...

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Karila Mela

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Karila Dham Mela: अशोकनगर जिले के मुंगावली इलाके में स्थित करीला गांव हर साल रंगपंचमी के अवसर पर माता जानकी के मेले के लिए प्रसिद्ध है। करीला नाम से मशहूर ये मेला तीन दिन के लिए लगाया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। करीला धाम में रंगपंचमी के दिन भक्तों ने माता जानकी के प्रति अपनी आस्था को जमकर व्यक्त किया, भक्तों की ये श्रद्धा मंदिर में आए चढ़ावे में साफ नजर आई।

भारी मात्रा में आया चढ़ावा

दरअसल मंदिर (Karila Dham Mandir) में भक्तों ने भारी मात्रा में चढ़ावा (Offering) चढ़ाया। इस बार मंदिर में एक ही दिन में 26 लाख रुपए से अधिक की नकद राशि जमा हुई। इसके अलावा, नारियलों की नीलामी से भी मंदिर को 3 लाख रुपए से ज्यादा की आय हुई। कुल मिलाकर, इस बार करीला धाम में लगभग 30 लाख रुपए से अधिक का चढ़ावा प्राप्त हुआ।

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79 पटवारी और 60 कोटवारों ने की गिनती

गुरुवार सुबह 9 बजे से मंदिर में दान पेटियों की गिनती शुरू की गई। इस काम में 79 पटवारी और 60 कोटवार को लगाया गया। सुबह से शाम 6 बजे तक दान पेटियों की ये गिनती का काम चलता रहा। पहले नोटों को छांटा गया, फिर उनकी गड्डियां बनाईं गईं, उसके बाद गिनती की गई थी।

बता दें कि करीला धाम का यह मेला ना केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी एक जीवंत उदाहरण है। हर साल इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु माता जानकी के दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने पर यहां चढ़ावा चढ़ाते हैं।

मंदिर के रखरखाव और भक्तों की सुविधाओं में किया जाएगा खर्च

मेला तीन दिन तक चलने से भक्तों में उत्साह और भी बढ़ नजर आया। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, चढ़ावे की राशि का उपयोग मंदिर के रखरखाव और भक्तों की सुविधाओं के लिए किया जाएगा। यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि मेले के दौरान आसपास के दुकानदारों और छोटे व्यवसायियों को भी लाभ होता है। करीला धाम का यह मेला मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है।

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