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चमत्कार…14 साल पहले मरे किसान ने करा ली जमीन की रजिस्ट्री, 7 पर FIR

Dead farmers land selling fraud: मध्य प्रदेश में फर्जीवाड़े का ऐसा खेल चल रहा है जिसमें मृत किसानों को जिंदा बताकर उनकी जमीनें बेची जा रही हैं। असली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रजिस्ट्री हो रही है।

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FIR registered against 7 people on Dead farmers land selling fraud using real documents in ashoknagar mp news

अशोकनगर में मृत किसानों को जिंदा बताकर उनकी जमीनें बेचने का फ्रॉड (फोटो सोर्स- AI )

Dead farmers land selling fraud: अशोकनगर जिले में फर्जी तरीके से जमीनों की रजिस्ट्री का काम जोरों पर है। किसानों को जानकारी के बिना उनकी जमीनों की फर्जी लोग रजिस्ट्री कर देते हैं। स्थिति यह है कि जिस किसान की 14 साल पहले मृत्यु हो गई, उसकी भी चार बीघा जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो गई।

फर्जी तरीके से की रजिस्ट्री

इस मामले में प्रशासन ने सात लोगों पर एफआइआर दर्ज कराई है, जिसमें तीन आरोपी गुना जिले के हैं। मामला जिले के नईसराय तहसील के मढ़ना खिरिया गांव का है। गुना जिले के खजूरी निवासी सूका पुत्र हल्कू जाटव की मढ़ना खिरिया गांव में भूमि सर्वे नंबर 220/2 रकबा 0.836 हेक्टेयर (4 बीघा) जमीन थी। सूका जाटव की अक्टूबर 2010 में मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन 20 फरवरी 2024 को उसकी जमीन की रजिस्ट्री हो गई और 20 मार्च 2024 को तहसीलदार ने नामांतरण भी कर दिया।

फर्जी तरीके से रजिस्ट्री की जानकारी मिली तो शिवपुरी जिले के भासोड़ा निवासी उसके दामाद लखन जाटव ने मामले की शिकायत 24 दिसंबर 2024 को कलेक्टर से की थी और सूका जाटव का मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिया था। शिकायत हुई तो 27 दिसंबर 2024 को इस जमीन की रजिस्ट्री मृतक की पुत्रियों के नाम हो गई। इस मामले में कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए थे।

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पहली बार उप पंजीयक व सर्विस प्रोवाइडर पर भी एफआइआर

इस मामले जांच के बाद ईसागढ़ एसडीएम ने निर्देश दिए तो पटवारी विक्रांत भौंसले की शिकायत पर ईसागढ़ पुलिस ने यह जमीन खरीदने वाले गुना जिले के याना के खजूरी गांव निवासी सुरेश रघुवंशी, फर्जी सूका जाटव बनकर जमीन बेचने वाले अज्ञात व्यक्ति, गवाह गुना के धमनार निवासी दीपसिंह भील और सूर सिंह भील, उप पंजीयक अजयप्रकाश लोधी, सर्विस प्रोवाइडर हिमांशु सोनी व भोलू चतुर्वेदी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के छह धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है।

पहले भी आ चुके हैं फर्जी रजिस्ट्री के मामले

शाद्रौरा के परवई निवासी रंधीर सिंह यादव की अपनी ससुराल अशोकनगर तहसील के सुमेर गांव में जमीन थी, रंधीरसिंह की 24 सितंबर 2019 को मृत्यु हो गई थी।रंधीरसिंह की मृत्य के बाद 12 दिसंबर 2023 को साढ़े तीन बीघा और 11 मार्च 2024 को फिर शेष साढ़े तीन बीघा जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो गई थी।

इसी गांव में बरोदिया तूमेन निवासी बटोबाई यादव व सुमेर जागीर निवासी श्यामबाई की 1.453 हेक्टेयर जमीन की भी फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो गई थी। शाद्रौरा तहसील के चिरोला गांव में 50 साल पहले मृत हो उचके घसीटा अहिरवार के नाम की जमीन की 19 मार्च 2024 को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो गई थी। प्रशासन ने जांच के बाद 21 जुलाई 2024 को इन चारों फर्जी रजिस्ट्री मामले में खरीदार व फर्जी विक्रेताओं एवं गवाहों सहित 12 लोगों एफआइआर कराई थी।

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बिना किसान बिक रहीं जमीनें

अमेरिका में रह रहे व्यक्ति की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री मामला लंबित
वहीं अमेरिका में रह रहे गुजरात के बड़ोदरा जिले के गोरियाद निवासी मूलजीभाई पुत्र रणछोड़भाई पटेल की अशोकनगर जिले के सागर अथाई गांव में स्थित 8.621 हेक्टेयर (सवा 41 बीघा) जमीन की भी 25 अप्रैल को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री का मामला सामने आया था। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की थी, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच चल रही है।

बड़ा सवाल - कहां से बन रहे फर्जी दस्तावेज व आधार कार्ड ?

जिले में पिछले 10 माह में पांच फर्जी रजिस्ट्रियां पकड़े जाने पर एफआइआर हो चुकी हैं, इन सभी मे रजिस्ट्रियों में असली जमीन मालिकों के नाम के आधारकार्ड लगाए गए। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसानों के नाम के फर्जी आधार कार्ड व दस्तावेज आखिर कहां बनाए जा रहे हैं जो प्रशासन के लिए बड़ी जांच का विषय है। मढ़ना खिरिया गांव की फर्जी रजिस्ट्री मामले में एफआइआर में यही बात लिखी गई है।