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एमपी के सबसे बड़े अस्पताल में मीडिया ‘Ban’, लापरवाही छुपाने की कोशिश!

Media Banned: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) में मीडिया पर बैन लगाकर लापरवाही और भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश हो रही है। इस बैन को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने ये तर्क दिए है।

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इंदौर

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Akash Dewani

May 26, 2025

Media Banned entering Maharaja Yashwantrao Hospital of indore in mp news

महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) में मीडिया पर बैन (फोटो सोर्स- mgmmc indore website)

mp news : एमपी के इंदौर में स्थित एमवाय अस्पताल (Maharaja Yashwantrao Hospital or MYH) में वहीं के स्टाफ द्वारा किराये के कर्मचारियों से कैजुअल्टी में काम कराने के खुलासे के बाद प्रबंधन मनमानी को दबाने में जुट गया है। आए दिन अस्पताल की लापरवाही उजागर होने से किरकिरी न हो, इसलिए एमवायएच अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने मीडिया का अस्पताल में प्रवेश प्रतिबंधित (Media Banned) कर दिया है। दलील दी कि कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि कुछ लोगों के फोटो-वीडियो बनाने से परेशानी होती है। इसलिए मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाई है।

मालूम हो, एमवायएच में एवजियों का मामला उजागर होने से प्रबंधन की काफी फजीहत हुई थी। अस्पताल के कुछ लोगों ने कैजुअल्टी में काम करने के लिए 500 रुपए रोज पर अनाधिकृत रूप से कर्मचारियों को रख लिया था। यह काम वर्षों से चल रहा था, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने एक्शन नहीं लिया। मामला उजागर होने के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सख्ती के तौर पर मरीजों के साथ आने वालों से मुख्य गेट पर पूछताछ की जा रही है। कैजुअल्टी में मरीज के साथ एक ही परिजन को नियमानुसार जाने की अनुमति है।

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मरीजों की आवाज खामोश करने की साजिश

मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध का काला आदेश मरीजों की पीड़ा को खामोश करने की साजिश है। अस्पताल में सेवाभावी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की कमी नहीं है। वे हर पल इस प्रयास में रहते हैं कि किस तरह मरीज की पीड़ा कम की जाए। तकलीफ उन्हें है जो सरकारी नौकरी में आराम की गुंजाइश तलाशते हैं।

वे नहीं चाहते हैं कि उनके अस्पताल से नदारद होने या मनमानी करने की बात उजागर हो। अस्पताल में मीडियाकर्मी या और किसी को मरीजों के इलाज में अड़चन बनने की इजाजत नहीं है। लेकिन, इस काले आदेश को वापस लेना होगा। मामले में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को भी हस्तक्षेप करना होगा।

ताकि मनमर्जी जारी रहे

एमवायएच में डॉक्टरों के समय पर नहीं आने, मरीजों से दुर्व्यवहार और इलाज में लापरवाही उजागर होती रहती है। मरीजों के परिजन से मारपीट, शव ले जाने में एंबुलेंस माफिया की मनमानी और निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर करने जैसे घटनाक्रम साबित हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि इन्हें दबाने के लिए अधीक्षक ने मीडिया पर प्रतिबंध का आदेश दिया है।

चार दिन बाद भी नहीं लगे फोटो

एमवायएच में पीजी स्टूडेंट्स द्वारा बाहरी लोगों को किराये पर रखकर ओटी टेक्नीशियन व ड्रेसर का काम लिया जा रहा था। मामले में कार्रवाई नहीं हुई और नौकरी पर रखे एवजियों के फोटो भी नहीं लगाए गए। पुलिस को भी सूचना नहीं दी है। नाम सामने नहीं आने से पुलिस पूछताछ नहीं कर पा रही है।