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एशिया के सबसे बड़े गुब्बारे से उतरी भारतीय सेना, 8 घंटे फ्लाईंग कर बनाया देश का सबसे बड़ा रिकॉर्ड

- खेतों में इतना बड़ा बैलून उतरता देख मच गईं गांवों में भगदड़, दौड़कर पहुंचे चार गांवों के लोगों ने गुब्बारे को उतरवाने में की मदद। - जय भारत अभियान: लोगों को सेना के साहसिक कार्य बताने और सेना ज्वॉइन करने के लिए लोगों को प्रेरित करने भारतीय सेना चला रही अभियान।

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एशिया के सबसे बड़े गुब्बारे से उतरी भारतीय सेना, 8 घंटे फ्लाईंग कर बनाया देश का सबसे बड़ा रिकॉर्ड


अशोकनगर. 3.15 लाख क्यूबिक फिट का एशिया का सबसे बड़ा गुब्बारा अचानक खेतों में उतरता दिखा तो गांव में भगदड़ मच गई और दौड़ते हुए चार गांव के लोग गुब्बारे के पीछे-पीछे खेतों तक पहुंचे। जहां पर भारतीय सेना के अधिकारियों को इस बैलून में बैठा देखा तो ग्रामीणों ने उसे नीचे उतरवाने में मदद भी की और शाम तक वहां पर लोग जमे रहे। मंगलवार को भारतीय सेना ने इस होट एयर बैलून से लगातार आठ घंटे की फ्लाईंग कर देश का सबसे बड़ा रिकॉर्ड स्थापित किया।


जय भारत अभियान के तहत भारतीय सेना की छह सदस्यीय टीम होट एयर बैलून से कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा कर रही है। 3236 किमी लंबी सेना की यह यात्रा जम्मू से छह नबंवर से शुरू हुई, जो रोजाना विभिन्न शहरों में पहुंचते हुए 29 दिसंबर को कन्याकुमारी पहुंचेगी। बैलून के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक अहलावत ने बताया कि वह टिबरी, जालंधर, चंडीगढ़, दिल्ली, आगरा, ग्वालियर और शिवपुरी पहुंचे। उन्होंने बताया कि अब तक बैलून फ्लाइंग में लगातार चार घंटे तक की उड़ान का रिकॉर्ड था, मंगलवार को सुबह सात बजे शिवपुरी से गुना के लिए रवाना हुए और फ्लाइंग का नया रिकॉर्ड बनाने का निर्णय लिया। लगातार आठ घंटे की फ्लाईंग के बाद दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बैलून शहर से 10 किमी दूर रांवसर और खैरा गांव के बीच में उतारा। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। उन्हें 23 नवंबर को भोपाल पहुंचना है। टीम में को-पायलट उमानंदसिंह, मेजर अनुराज राजावत, सूबेदार नवीनकुमार, हवलदार एचकेसिंह और लांस नायक दीपकसिंह पटेल भी शामिल हैं।


10 हजार फिट ऊपर हवा की दिशा बदली तो उतारना पड़ा बैलून-
सेना की टीम का कहना है कि नागरिकों को सेना के साहसिक कार्यों को दिखाने और यह बताने के लिए कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश एक है, इस उद्देश्य से जय भारत अभियान शुरू किया है। साथ ही युवाओं और बच्चों को भारतीय सेना ज्वॉइन करने के लिए प्रेरित करना भी इसका उद्देश्य है। टीम ने बताया कि वह करीब साढ़े आठ हजार फिट की ऊंचाई पर उड़ रहे थे, लेकिन हवा की स्पीड़ 9 से 15 किमी प्रति घंटा थी। इससे एयर ट्रेफिक से बात की तो उन्होंने 10 हजार फिट की ऊंचाई पर उडऩे की अनुमति दी। जहां पर 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तो मिली, लेकिन हवा की दिशा अचानक से पूर्व की तरफ चलने लगी। इससे गुना की वजाय बैलून उलटी दिशा में जाने लगा, इसलिए बैलून को गांव में ही उतारना पड़ा। हालांकि शाम को आर्मी के वाहन पहुंचने के बाद टीम बैलून को रखकर आगे के लिए रवाना हुई।


3.15 लाख क्यूबिक फिट का यह एशिया का सबसे बड़ा बैलून है। जय भारत अभियान के तहत कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा कर रहे हैं। आज हमने रिकॉर्ड बनाने का प्लान किया था, इससे लगातार आठ घंटे की फ्लाईंग का देश में सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना है। जिसे रिकॉर्ड में दर्ज करने एयरोक्लब ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। हवा की गति कम होने और दिशा पूर्व की तरफ होने की वजह से यहां पर बैलून को उतारना पड़ा।
लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक अहलावत, पायलट