
नशा मुक्ति कार्यक्रम में लगाते रहे बीड़ी के कश, उड़ता रहा धुआं
अशोकनगर. नशा निवारण के कार्यक्रम में भीड़ कम दिखी तो अधिकारियों ने वृद्धाश्रम से वृद्ध और स्कूल से बच्चों को बुला लिया। वहीं गांधी पार्क पर जहां कार्यक्रम में नशा छोडऩे के लिए जागरूक किया जा रहा था, वहीं मौजूद लोग बीड़ी के कश लगाते दिखे, लेकिन कैमरे को देख बीड़ी फेंक लोग पैरों से दबाकर बुझाते दिखे।
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम किया गया। इसके वृद्धों को बुलाने के बाद भी भीड़ कम रही तो डीइओ ने स्कूल को फोन लगाकर बच्चों को बुला लिया। वहीं वृद्धाश्रम से आए वृद्ध आंखों से कम से हाथों में तख्तियां लेकर एक-दूसरे के सहारे चलते दिखे। इसके अलावा भीड़ बढ़ाने के लिए शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया। संजय स्टेडियम से गांधी पार्क तक रैली निकाली गई। साथ ही लोगों को नशा के नुकसान बताकर नशा छोडऩे के लिए जागरूक किया।
भाषण सुनाकर खत्म हो गया कार्यक्रम
खास बात यह है कि कार्यक्रम शहर के गांधी पार्क पर चल रहा था, जबकि कुछ ही दूरी पर इंदिरा पार्क पर सैकड़ों की संख्या में सुबह के समय मजदूर बैठते हैं। जबकि मजदूर वर्ग बीड़ी-सिगरेट और गुटखा सहित अन्य नशा का इस्तेमाल करता है, लेकिन इंदिरा पार्क पर कोई कार्यक्रम न कर गांधी पार्क पर ही एक-दूसरे को जागरुकता के भाषण सुनाकर कार्यक्रम समाप्त कर दिया गया।
खोखला कर रहा नशा
युवाओं में सिगरेट और गुटखा की बढ़ती लत को देखते हुए कार्यक्रम मुख्य रूप से नशे की गिरफ्त में आते युवाओं पर केंद्रित रहा। अपर कलेक्टर एके चांदिल ने कहा कि नशा हमारे समाज एवं राष्ट्र को खोखला कर रहा है, इससे परिवार बर्बाद हो रहे हैं और लोग कैंसर जैसी बीमारियों के गिरफ्त आकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं, उनमें नशा फैशन की तरह फैल रहा है। इससे युवाओं को नशे से बचाने की जरूरत है।
Published on:
27 Jun 2018 06:01 pm
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