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कंपनी ने नहीं हटाए तो मकानों में ही चुनवा लिए खंभे, छज्जों पर रहता है करंट का डर

कहीं मकानों पर ही बिजली लाइनों का जाल, तो कहीं छज्जों में से होकर निकली बिजली लाइन

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कंपनी ने नहीं हटाए तो मकानों में ही चुनवा लिए खंभे, छज्जों पर रहता है करंट का डर

अशोकनगर. सड़कों, रास्तों और पेड़ों के पास बिजली लाइन की दूरी और जमीन से बिजली के तार कितनी ऊंचाई पर हो, बिजली कंपनी के पास इनके लिए अलग-अलग मापदंड निर्धारित हैं। लेकिन शहर में दर्जनों ऐसी जगह हैं, जहां यह मापदंड पूरी तरह से गायब हैं। कहीं मकानों की छतों से सटकर बिजली ेके तारों के जाल बने हुए हैं, तो कहीं पर बिजली के खंभे मकानों में चुने हुए हैं और इन्हीं खंभों पर से मकानों के बीच से होकर बिजली लाइन निकली है।

इससे रोजाना ही मकानों की छतों, छज्जों और दरवाजों पर करंट फैलने की आशंका बनी रहती है। लेकिन इसका न तो लोगों में डर है और न हीं बिजली कंपनी को कोई चिंता। पत्रिका ने शनिवार को शहर में बिजली लाइन के मापदंडों की पड़ताल की, तो हकीकत भयावह नजर आई। शहर के सेन तिराहा से माता मंदिर रोड को जाने वाली गली में तीन घरों में खंभे मकानों की दीवारों में चुने हुए दिखे। दीवारों से सटे हुए बिजली के यह खंभे मकानों के आरपार निकले हुए हैं, वहीं इन्हीं खंभों में से बिजली के तार निकले हुए हैं। इससे यह तार मकानों के छज्जों के भीतर से होते हुए अन्य मकानों की दीवारों से सटे हुए हैं। यह एक जगह की स्थिति नहीं, बल्कि शहर के कई मोहल्लों में बिजली के खंभे मकानों के आरपार निकले हुए हैं और इन्हीं खंभों में से बिजली कंपनी द्वारा शहर और उन मोहल्लों व गलियों में बिजली सप्लाई की जा रही है। शहर के पाराशर मोहल्ला में बिजली लाइन घरों की छतों से होकर निकली हुई है। इससे जहां लोगों को घरों के छज्जों पर और छतों पर हमेशा करंट का खतरा बना रहता है और उनका कहना है कि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इससे इन मकानों की छतों और छज्जों पर परिजन सतर्कता के साथ ही जाते हैं।

हर गली और चौराहे पर खतरों के जाल

शहर में जहां हर गली, रास्ते और हर चौराहों पर बिजली के तारों के खतरनाक जाल बने हुए हैं। जिनसे आए दिन स्पार्किंग होती रहती है और इन्हीं खतरनाक जालों के नीचे से लोगों की आवाजाही होती है। इससे स्पार्किंगों से हमेशा तार टूटने या करंट फैलने का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं गलियों और रास्तों पर बिजली लाइन भी मकानों की दीवारों से सटकर निकली हुई है। लेकिन न तो इन पर बिजली कंपनी का कोई ध्यान है और न हीं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि कोई गंभीरता दिखाते हैं।इससे शहर में लोग बिजली के करंट के डर के साए में रहने को मजबूर हैं।

ये बोले जिम्मेदार

बिजली लाइन पहले से है और लोगों ने उनसे सटकर मकान बना लिए हैं। हम ऐसे लोगों को नोटिस भी देते हैं। जिनके घरों के पास से लाइनें निकली हैं, बिजली लाइनों को उन्हीं को शिफ्ट कराना पड़ेगा, क्योंकि हमारी तो लाइनें पहले से वहां से निकली हुई हैं।

देवेंद्र मेहरा, डीई बिजली कंपनी अशोकनगर