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एमपी के कई हिस्सों में शादियों पर लगा प्रतिबंध, बाहर जाकर करने पड़ रहे वैवाहिक कार्यक्रम

ashoknagar shadi मध्यप्रदेश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां शादियां नहीं हो रहीं। यहां विवाह वर्जित

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मध्यप्रदेश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां शादियां नहीं हो रहीं। परंपराओं के नाम पर यहां विवाह वर्जित कर दिए गए हैं, सालों से शहनाइयां नहीं बजी हैं। मजबूरी में लोगों को बाहर जाकर वैवाहिक कार्यक्रम करने पड़ रहे हैं। प्रदेश के अशोकनगर जिले में ऐसे कई गांव हैं, जहां शादियां नहीं होती। अब इस कुरीति को खत्म करने की पहल की गई है। जिले के यादव समाज ने 35 प्रमुख लोगों को पंच बनाकर समाज की हानिकारक प्रथाओं को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी है। यादव समाज के ये पंच उन गांवों में शादियां कराने की भी कोशिश करेंगे जहां बैंड-बाजा-बारात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

अशोकनगर जिले में यादव समाज ने 35 पंच बनाए हैं। ये पंच समाज में बेलगाम बढ़ रहीं कुरीतियों और हानिकारक प्रथाओं को रोकेंगे। आपसी विवादों व मतभेदों का सामंजस्य के आधार पर निपटारा भी कराएंगे, ताकि लोगों को बेवजह थानों व कोर्ट कचहरी के चक्कर में न फंसना पड़े।

श्रीकृष्ण संस्थान में रविवार को पंचों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया। पूर्व विधायक राजकुमारसिंह यादव, जिपं अध्यक्ष अजयप्रतापसिंह यादव, आधारसिंह यादव, दर्शनसिंह यादव, अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के जिलाध्यक्ष केपी यादव, राजेश यादव नादनखेड़ी, एडवोकेट महेंद्र यादव सहित सभी पंचों को शपथ दिलाई गई।

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जिन गांवों में शादियां बंद, वहां शुरू कराएंगे आयोजन
कार्यक्रम में समाज में शिक्षा को महत्व देने, छात्र-छात्राओं के मोटिवेशन के लिए सेमीनार आयोजित करने की बात कही गई।
जिले के जिन गांवों में किन्हीं घटनाओं के कारण विवाहों के आयोजन नहीं किए जाते हैं, वहां शादियां कराने पर भी चर्चा हुई।

वैवाहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के कारण इन गांवों के लोगों को दूसरे गांवों में या फिर शहर में जाकर अपने बेटे-बेटी की शादी करनी पड़ती है। यादव समाज के पंच ऐसे गांवों में जाएंगे और वहां गीता स्वाध्याय का पाठ कर गांवों में मांगलिक कार्य शुरू कराएंगे। गांवों में विवाह पर कुरीतियों के चलते लगाई गई रोक खत्म करने से विवाह कार्यक्रम के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

यह निर्णय भी लिए


  1. विवाहों में प्री-वेडिंग शूट पर पूर्णत: रोक लगाई जाएगी व दहेज के लेन-देने को भी रोका जाएगा, इसकी बाकायदा शपथ ली गई।




  2. मृत्युभोज बंद कराने और मृत्यु के बाद तीसरे के दिन होने वाले पानपाती कार्यक्रम में न जाने का भी निर्णय लिया।




  3. बारात में महिलाएं सडक़ों पर डांस नहीं करेंगी और कथा भागवतों में भी महिलाओं के डांस करने पर रोक लगाएंगे।




  4. जिलाध्यक्ष के मुताबिक यह भी निर्णय लिया कि समाज की महिलाएं न तो कथावाचकों के पैर छुएंगी और न ही किसी नेता के।