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चक्काजाम पर प्रतिबंध! बिना अनुमति सड़क रोकी तो होगा केस, प्रशासन का बड़ा फैसला

MP News: प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए बिना अनुमति चक्काजाम पर रोक लगा दी है। अब सड़क रोकने वालों पर सीधे केस दर्ज होगा और धरना-प्रदर्शन के लिए पहले लेनी होगी मंजूरी।

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no blockade without permission ashoknagar collector rule mp news

no blockade without permission ashoknagar collector rule (फोटो- सोशल मीडिया)

No Blockade Without Permission:अशोकनगर में चक्काजाम के दौरान आपातकालीन सेवाओं व आवागमन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब पुलिस व प्रशासन ने ऐसे लोगों को सख्त नसीहत दी है। बिना अनुमति के यदि कही चक्काजाम किया गया, तो इसका खामियाजा भी उन तमाम लोगों को भुगतना पड़ेगा, जो इसमें शामिल होगे।

अक्सर देखने में आता है कि किसी हादसा के बाद संबंधित के परिजन व अन्य लोग सड़कों पर उत्तर आते हैं और अपनी मांगों की पूर्ति के लिए प्रशासन पर दबाव बनाते हुए चक्काजाम कर देते हैं। जिसके कारण लोगों को उनके इस प्रदर्शन से असुविधा होती है। ऐसे में अब पुलिस व प्रशासन ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। (MP News)

कलेक्टर ने दी चेतावनी

इस मामले में कलेक्टर आदित्य सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। वहीं दूसरी एसपी ने भी आदेश जारी करते हुए चक्काजाम व धरना प्रदर्शन करने वालों पर वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी है।

लाठी डंडा व हथियार लाने पर होगी कार्रवाई

कलेक्टर कार्यालय परिसर में अस्त्र-शस्त्र लेकर एवं उसका प्रदर्शन तथा अन्य लाठी, डंडा इत्यादि, धारदार हथियार तलवार भाला आदि लेकर चलना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा कलेक्टर कार्यालय परिसर में ज्वलनशील पदार्थों, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, डीजल, तेजाब आदि लेकर आना भी प्रतिबंधित है। कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक कत्रों का उपयोग बगैर सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना नहीं करेगा।

रैली, जुलूस घरना इत्यादि में प्रयोग किये जाने वाले झण्डा, बैनर में बांस की लकड़ी डण्डे, लोहे की छड़ आदि का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा और भाषण भी नहीं देगा, जिससे किसी भी प्रकार की सामुदायिक धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा होती हो।

प्रतिबंधों के होते हुए भी विशेष परिस्थितियों में जिला प्रशासन द्वारा उपरोक्त के संबंध में छूट, शिथिलता संबंधी निर्णय प्रकरण विशेष में लिया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्त्ति संगठन, संस्था, समूह इस आदेश के किसी अंश का उल्लंघन करता है। तो उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।

कलेक्ट्रेट परिसर में रैली जुलूस पर लगाया प्रतिबंध

सामाजिक व राजनीतिक संगठनों, समूहों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग से कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में संचालित विभिन्न कार्यालयों के कार्यों मे व्यवधान उत्पन्न न हो और कानून व शांति व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिससे अब कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस आदि का आयोजन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। राजनीतिक, सामाजिक एवं अन्य घटनाओं के विरोध में आयोजनकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में ज्ञापन देने से पहले 3 दिन पूर्व एसडीएम व एसडीओपी को आवेदन प्रस्तुत कर अनुमति लेना होगी। लिखित अनुमति मिलने पर कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर ज्ञापन दे सकेंगे। (MP News)

शामिल लोगों पर दर्ज होगा प्रकरण

पुलिस ने चक्काजाम के मामलें में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गई गाइडलाइन के बारे में बताया कि चक्काजाम जैसे मामलें में संलिप्त लोगों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, परंतु इस अधिकार का प्रयोग सार्वजनिक स्थानों और सड़कों को अनिश्चितकाल के लिए अवरोधित करने के लिए नहीं किया जा सकता, जिससे जनता को असुविधा हो। पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि अपनी समस्याओं या विचारों को अभिव्यक्त करने हेतु शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक एवं विधिक तरीकों का ही उपयोग करें। (MP News)

चक्काजाम से यह आती है समस्याएं

  • नागरिक समय पर अपने कार्यस्थलों, शैक्षणिक संस्थानों अस्पतालों एवं आवश्यक स्थलों तक समय पर नहीं पहुंच पाते हैं।
  • एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड एवं अन्य आपातकालीन सेवाएं प्रभावित रहती है, जिसके कारण गंभीर मरीजों एवं जरूरतमंदों को समय पर सहायता नहीं मिल पाती है।
  • यातायात अवरुद्ध रहने से व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रभावित होते है तथा आर्थिक हानि की स्थिति बनती है।
  • यात्रियों, विद्यार्थियों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को काफी समय तक यातायात जाम में फंसे रहना पड़ता है जिससे मानसिक तनाव, व असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न होती है।
  • आम नागरिकों और संबंधित समूहों के बीच टकराव की संभावना बढ़ जाती है जिससे शांति और व्यवस्था बनाए रखना कठिन हो जाता है।