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एमपी में बर्तन और फसलों पर जमी बर्फ, दूसरे दिन भी रहा कोल्ड-डे

सुबह लोग जागे तो फसलों पर बर्फ की सफेद चादर जमी दिखी, तो वहीं घरों के बाहर बर्तनों में रखे पानी में भी बर्फ की पर्तें जमीं मिलीं।

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एमपी में बर्तन और फसलों पर जमी बर्फ, दूसरे दिन भी रहा कोल्ड-डे

एमपी में बर्तन और फसलों पर जमी बर्फ, दूसरे दिन भी रहा कोल्ड-डे

अशोकनगर. हिमाचल से आ रहीं बर्फीली हवाओं से जिला तीव्र शीतलहर की चपेट में है। इससे जहां कड़ाके की सर्दी जारी है और सुबह 4 बजे पारा 2.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। सुबह लोग जागे तो फसलों पर बर्फ की सफेद चादर जमी दिखी, तो वहीं घरों के बाहर बर्तनों में रखे पानी में भी बर्फ की पर्तें जमीं मिलीं। साथ ही पाला पडऩे से फसलों में भी नुकसान हो गया है, किसानों के मुताबिक यह नुकसान दो से तीन दिन बाद दिखेगा।


शनिवार-रविवार को जारी रहा ठंड का कहर
शनिवार से जारी शीतलहर रविवार को तीव्र शीतलहर बन गई। स्थिति यह रही कि घरों के बाहर खुले में रखे वाहन भी बर्फ जमने से सफेद नजर आए। साथ ही बर्तनों में पानी की पॉलिथिन से मोटी पर्त जमी मिली। इसके अलावा फसलों के पत्तों व पाइपों के ऊपर पानी की बूंदे जमने से सफेद चादर सी नजर आई। रविवार को अधिकतम तापमान 2३.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से ३.३ डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री गिरावट के साथ 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 6.9 डिग्री सेल्सियस कम रहा। मौसम विभाग ने जिले में तीव्र शीतलहर घोषित की है।

शीतलहर से फसलों में भी नुकसान, किसान बोले -पाला पडऩे का दो से तीन दिन बाद दिखेगा असर

पाला पडऩे से फसलों में 20 फीसदी नुकसान
किसानों का कहना है कि फसलों पर बर्फ जमने को ही पाला पडऩा कहते हैं और इससे फसलों में करीब 20 फीसदी नुकसान की आशंका है। जिन फसलों में फूल आ रहा है, उनमें नुकसान ज्यादा होगा। रात में कड़ाके की ठंड को देखते हुए किसानों ने नुकसान से बचाने अपनी सब्जियों की फसलों में रात में धुंआ कर दिया था, तो कई किसानों ने तो पौधों के ऊपर राख छिड़क दी थी।

यह भी खास
-रात एक बजे से सुबह साढ़े छह बजे तक तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। साथ ही 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सर्द हवाएं जारी रहीं।
-सर्दी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सुबह 10 बजे तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा, साथ ही दिनभर सर्द हवाएं चलती रहीं।
-मौसम विज्ञानी पीके शाह के मुताबिक दो दिन तीव्र शीतलहर जारी रहने का अनुमान है, 22 दिसंबर के बाद न्यूनतम तापमान में बढ़ोत्तरी होगी।

पिछले सालों में दिसंबर में सबसे कम तापमान
वर्ष न्यूनतम तापमान
29 दिसंबर 2020- 4.6
29 दिसंबर 2019- 2.0
30 दिसंबर 2018- 4.5
18 दिसंबर 2017 - 7.6
26 दिसंबर 2016- 8.0
25 दिंसबर 2015- 4.0
29 दिसंबर 2014- 4.8
21 दिसंबर 2013- 7.0
24 दिसंबर 2012- 4.2
29 दिसंबर 2011 -6.6
(तापमान डिग्री सेल्सियस में।)


मरीजों को घर या किराए से लाना पड़ रहे कंबल
जिला अस्पताल में सुबह शिशु वार्ड खाली हो गया और मरीज परिजनों के साथ धूप में बैठे नजर आए, तो वहीं अन्य वार्डों के मरीज भी धूप में बैठे दिखे। शिशु वार्ड में अब हीटर नहीं लगे हैं और मरीजों व उनके अटेंडरों का कहना है कि सभी वार्डों में मरीजों को सिर्फ एक कंबल दिया जा रहा है, इससे मरीज व प्रसूताओं को सर्दी से बचाने के लिए या तो घर से रजाई व कंबल मंगाना पड़ते हैं, या फिर ३0 रुपए किराया देकर बाजार से रजाई लाना पड़ रही हैं।