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अफगानिस्तान: तालिबान के खिलाफ विद्रोहियों का पलटवार, छीने तीन जिले

Published: Aug 21, 2021 12:07:26 am

Submitted by:

Mohit Saxena

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस लड़ाई में कई तालिबान लड़ाके मारे जा चुके हैं। जिन तीन जिलो पर दोबारा कब्जा किया गया है, उनके नाम पोल-ए-हेसर, हेड सहाल और बानो हैं।

army fight against taliban

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान में सरकार बनाने के प्रयासों में लगे तालिबान (Taliban) को झटका लगना शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय विरोधी गुटों (Local Rebel Groups) ने तालिबान के कब्जे से बाघलान प्रांत के तीन जिलों को आजाद करा लिया है। पोल-ए-हेसर, हेड सहाल और बानो इन जिलों के नाम हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस लड़ाई में कई तालिबान लड़ाके मारे जा चुके हैं।

इस वक्त तालिबान के करीब सभी बड़े नेता राजधानी काबुल में है। कई इलाकों के कमांडर भी अपनी पोजीशन को मजबूत बनाए हुए हैं। टॉप लीडरशिप से नजदीकी बढ़ाने के लिए काबुल में ही हैं। इस वजह से कई इलाकों में तालिबान लड़ाकों के पास कोई नेतृत्व नहीं है।

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तालिबान का शासन पूरे अफगानिस्तान पर नहीं

इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि तालिबान का शासन पूरे अफगानिस्तान पर नहीं है। उन्होंने माना है कि पंजशीर प्रांत में सशस्त्र विद्रोह की शुरुआत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजशीर में अफगानिस्तान सेना के प्रशिक्षित जवान एकत्र हो गए हैं। इनमें अफगान स्पेशल फोर्स के जवान भी शामिल हैं। इन्हें वहां सबसे बेहतर सैनिकों में गिना जाता है।

मजबूती के साथ खड़ा हो रहा विरोधी गुट

पंजशीर में तालिबान विरोधी गुट मजबूती के साथ खड़ा हो रहा है। अफगानिस्तान में ताजिक मूल के लोगों में हीरों के तौर पर पहचान रखने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अमहद मसूद इस विद्रोह का नेतृत्व कर रहे हैं। मसूद के साथ खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह भी शामिल हैं।

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