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अफगानी राष्ट्रपति तालिबान से शांति वार्ता के लिए कई तरह की राहत देने को तैयार, कोई शर्त भी नहीं रखी

अफगानिस्‍तान ने तालिबान के कैदियों की रिहाई, आतंकियों को मुख्‍यधारा में शामिल कर फिर से चुनाव कराने व संवैधानिक समीक्षा का ऐलान किया।

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Mazkoor Alam

Feb 28, 2018

afghan president asharaf ghani

काबुल : अफगानिस्तान 16 सालों से गृह युद्ध के हालात से गुजर रहा है। इसे खत्म करने के लिए अफगानिस्‍तान क राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को उन्‍होंने कहा कि प्रस्तावित राजनीतिक प्रक्रिया के तहत वे तालिबान पर से प्रतिबंध उठाकर उसे एक राजनीतिक समूह के तौर की मान्‍यता देने को तैयार हैं। इसी के साथ उन्‍होंने तालिबान के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत का प्रस्ताव भी रखा है।

कई अहम घोषणाएं की
गनी ने तालिबान को संघर्ष विराम का प्रस्ताव देते हुए कई अहम घोषणाएं भी की। उन्‍होंने तालिबान के कैदियों की रिहाई, तालिबानी आतंकियों को मुख्‍यधारा में शामिल कर फिर से चुनाव कराना और संवैधानिक समीक्षा का भी ऐलान किया।

शांति वार्ता प्‍लेटफॉर्म में 25 देश के अधिकारी शामिल
शांति वार्ता के लिए प्‍लेटफॉर्म तैयार करने के मकसद से एक अंतरराष्‍ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुरू की गई है। इसमें करीब 25 देशों के अधिकारी भाग ले रहे हैं। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गनी ने कहा कि शांति समझौते को बढ़ाने की पेशकश वह बिना किसी पूर्व शर्तों के कर रहे हैं। उम्मीद है कि तालिबान इस पर सकारात्‍मक जल्‍द ही सकारात्‍मक प्रतिक्रिया देगा। गनी ने यह भी कहा कि वार्ता के लिए तालिबान काबुल या किसी दूसरी जगह पर अपना राजनीतिक दफ्तर भी खोल सकता है।

पहले तालिबान को मानते थे आतंकी
अफगान राष्ट्रपति का यह बयान उनके बदले रुख को दिखाता है। इससे पहले वे तालिबान को लगातार आतंकवादी और विद्रोही कहा करते थे।

अमरीका का भी रुख यही है कि शांति वार्ता अफगानी नेतृत्‍व के साथ हो
गौरतलब है कि 2001 में सत्‍ता से बेदखल होने के बाद से तालिबान अमरीका से बातचीत करने की बात तो करता रहा है, लेकिन काबुल सके साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करता रहा है। जबकि अमरीका का मानना है कि तालिबान से किसी भी तरह की शांति वार्ता अफगानी नेतृत्‍व को ही करना चाहिए। व़ह तालिबान से किसी भी तरह की सीधी शांति वार्ता से इनकार करता रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि तालिबान इस वक्त शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं लग रहा है। साथ ही यह भी कहा कि उसे शांति वार्ता के लिए कोई भी बातचीत अफगानिस्तान को करना चाहिए या उसके नेतृत्व में होनी चाहिए।
हालांकि इस मामले में तालिबान की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है कि क्‍या वह अफगान राष्‍ट्रपति के इस प्रस्‍ताव के लिए तैयार है या फिर वह अपने पुराने स्‍टैंड पर कायम रहेगा।