
नई दिल्ली।
अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार रोज नए-नए तुगलकी फरमान सुना रही है। काबुल के अंतरिम मेयर ने नया आदेश जारी किया है कि तालिबान की सरकार ने शहर की महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का निर्देश दिया है। देश में महिलाएं सिर्फ वहीं काम कर सकेंगी, जो पुरूष नहीं कर सकते।
तालिबान का यह फैसला ज्यादातर महिला कर्मचारियों को काम पर लौटने से रोकेगा। यह इस बात का भी संकेत है कि तालिबान सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर पाबंदियां लगाने समेत इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू करेगा। यह उसके वादे से ठीक उलट है, जो सत्ता पर काबिज के दौरान उसने दावा किया था कि इस बार सहिष्णु और समावेशी सरकार दी जाएगी।
काबुल में अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने आदेश जारी किया है कि पिछले महीने तालिबान के सत्ता में आने से पहले तक शहर में करीब तीन हजार महिला कर्मचारी थीं और वे करीब-करीब सभी विभाग में काम करती थीं। नामोनी ने कहा महिला कर्मचारियों को अगले फैसले तक घर पर रहने का आदेश दिया जाता है। केवल कुछ महिलाओं को वही काम करने की अनुमति दी जाएगी, जो काम पुरूष नहीं कर सकते। इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख का काम शामिल होगा।
वर्ष 1990 के दशक में जब तालिबान का शासन था, तब लड़कियों को स्कूल जाने और महिलाओं को नौकरी पर जाने पर रोक लगा दी गई थी। इस बार भी अफगानिस्तान की सत्ता पर जबरदस्ती काबिज हुई तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने वाले फरमान जारी करना शुरू कर दिए हैं। नई तालिबान सरकार ने माध्यमिक और हाईस्कूल की छात्राओं से कहा कि वे अभी स्कूल नहीं आएं। दूसरी ओर लडक़ों के स्कूल खोल दिए गए हैं।
यूनिवर्सिटी स्तर की छात्राओं को बताया गया है कि लडक़े और लड़कियों की कक्षाएं अलग-अलग होगी और कॉलेज खुला तो लड़कियों को सख्त ड्रेस कोड का पालन करना होगा। वहीं, पिछली सरकार में ज्यादातर जगहों पर यूनिवर्सिटी में लडक़ी और लडक़े एक साथ शिक्षा हासिल करते थे। तालिबान ने गत 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद पुराने सभी फैसलों को पलट दिया है और नए फरमान जारी किए जा रहे हैं।
Updated on:
20 Sept 2021 11:06 am
Published on:
20 Sept 2021 10:26 am
बड़ी खबरें
View Allएशिया
विदेश
ट्रेंडिंग
