
Aadhar card in Afghanistan
नई दिल्ली। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) भी इस वक्त भारत की तरह अपने नागरिकों के लिए आधार कार्ड बनवाने की राह पर निकल पड़ा है। एक दशक पहले जैसे भारत ने आधार कार्ड ( Aadhar card ) के जरिए अपने निवासियों का एक बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटाबेस विकसित किया था, ठीक उसी तर्ज पर अफगानिस्तान भी यह प्रक्रिया अपनाना चाहता है।
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
इस बारे में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान केंद्रीय नागरिक पंजीकरण प्राधिकरण (ACCRA) के लिए पिछले हफ्ते रजिस्ट्रार जनरल और भारत के जनगणना आयुक्त और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा एक विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
चंडीगढ़ स्थित UIDAI कार्यालय पहुंचे अफगान अधिकारी
अफगान अधिकारियों ने भारत की आधार पहल के बारे में विस्तार से अध्ययन करने के लिए चंडीगढ़ स्थित UIDAI कार्यालय का दौरा भी किया। इस दौरान अफगान अधिकारियों को आधार कार्ड से संबंधित सॉफ्टवेयर से लेकर नागरिकों के जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया, महत्वपूर्ण आंकड़े और जनगणना कार्यप्रणाली की संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
आतंक और युद्घ से पीड़ित है अफगानिस्तान
आपको बता दें कि अफगानिस्तान एक युद्ध-ग्रस्त इस्लामी गणराज्य है, जो कि आतंकवाद, गरीबी, कुपोषण और भ्रष्टाचार जैसी गंभीर समस्याओं से घिरा हुआ है। यहां की आबादी 3.2 करोड़ से अधिक है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व में अफगानिस्तान की इस्लामिक आतंकवादी संगठन तालिबान से जंग चल रही है। यहां आए दिन तालिबान द्वारा आतंकी हमले होते रहते हैं। अमरीकी सरकार तालिबान के साथ शांति समझौते पर बातचीत करने और अपनी सेना को उस देश से वापस बुलाने के लिए बातचीत कर रही है।
भारत के सहयोग क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है अफगानिस्तान
राष्ट्रपति गनी भारत के सहयोग से कई क्षेत्रों में अपने देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। जनसंख्या पंजीकरण के लिए एक रूपरेखा तैयार करना इन्हीं प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि नवंबर में नई दिल्ली में राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं सूचना प्राधिकरण अफगानिस्तान के लिए एक सप्ताह का एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
Updated on:
03 Jan 2020 09:00 pm
Published on:
03 Jan 2020 09:48 am
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