विमान में मौजूद थीं मेडिकल समेत हर तरह की सुविधाएं
विमान में करीब 423 यात्री सवारियों की क्षमता थी। विमान में यात्रियों के अलावा उनकी देखरेख के लिए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पांच डॉक्टरों की टीम मौजूद थी। विमान में पैरा मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई थी। इस टीम के पास जरूरी दवाइयां, मास्क, ओवरकोट और पैक्ड फूड था। मेडिकल टीम के अलावा इंजीनियर्स और सुरक्षा अधिकारियों की टीमें भी फ्लाइट में तैनात की गईं थी।
14 दिनों तक चीन से लौटे लोगों पर रहेगी निगरानी
चीन से एयरलिफ्ट किए गए इन भारतीयों को ITBP के कैंप में रखा जाएगा। 14 दिनों तक इन सभी का अलग से मेडिकल ऑब्जर्वेशन किया जाएगा। देश लौटे कुल 324 लोगों में से 211 छात्र हैं। इसके अलावा 110 लोग वर्किंग हैं। विमान में तीन नाबालिग भी सवार थे। आपको बता दें कि वुहान (हुबेई की राजधानी) जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, वहां भारत के करीब 700 लोग रहते हैं। ज्यादातर भारतीय वहां के मेडिकल छात्र और रिसर्च स्कॉलर हैं।
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चीन ने दोबारा खोला एयर वे
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए चीन ने अपने एयरवे को बंद कर दिया था। हालांकि, पिछले दो दिनों से कई देश अपने-अपने नागरिकों को चीन से निकालने की कवायद में जुटे हुए हैं। इसके मद्देनदर वायु मार्ग दोबारा खोले गए हैं।
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दिल्ली और हरियाणा में हुआ है लोगों का इंतजाम
वहीं, भारत सरकार ने चीन से लौटे करीब 600 भारतीयों के ठहरने का इंतजाम दिल्ली के छावला और हरियाणा के मानेसर कैंप में किया है। शनिवार की सुबह इनमें से 324 भारतीय विशेष विमान से आ चुके हैं। वहीं, आने वाले करीब दो हफ्ते से बाकी बचे भारतीयों को भी वापस बुला लिया जाएगा। इन सभी को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की बिल्डिंग और इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में रखा जाएगा।