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बलूचिस्तानियों ने स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी से लगाई गुहार, कहा- पाक से दिलाएं आजादी

locationनई दिल्लीPublished: Aug 16, 2019 01:28:21 pm

Submitted by:

Anil Kumar

बलूचिस्तानियों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को बधाई दी
पाकिस्तान से आजादी को लेकर बलूचिस्तानियों ने भारत से मदद की मांग अपील की

बलूचिस्तान में आजादी का संघर्ष

क्वेटा। जम्मू-कश्मीर को लेकर उलझे पाकिस्तान को एक के बाद एक नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक और पाकिस्तान कश्मीर पर अपना बेवजह का अपना हक जताता है, वहीं दूसरी तरफ बलूचिस्तानियों ने पाकिस्तान से आजादी की मांग तेज कर दी है।

भारत गुरुवार को अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश-दुनिया के तमाम लोग भारत को बधाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में बलूचिस्तानियों ने भी भारत को आजादी के लिए बधाई दी और जय हिन्द के नारे भी लगाए।

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी जुल्म की खुली कलई, ब्लूच नेताओं ने पीएम मोदी से कर दी यह मांग

भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बलूचिस्तानियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि उन्हें पाकिस्तान के कब्जे से आजाद कराएं। पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम स्थित बलूचिस्तान प्रांत के लोगों ने मांग की है कि भारत सरकार हमलोगों को पाकिस्तान की जुल्म से बजाएं और आजादी दिलाने में मदद करें।

बलोच कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारत सरकार ने कश्मीर को लेकर जो कदम उठाया है, उसे पूरी दुनिया ने सही माना है, और पाकिस्तान की दलीलों को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब जरूरत है कि बलूचिस्तानियों की आजादी के लिए हमारी मदद करें।

बलूचिस्तान में आजादी का संघर्ष

1948 से चल रहा है बलूचिस्तानियों का संघर्ष

बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान के चार प्रांतों में से एक है, जो कि पाकिस्तान का करीब 44 फीसदी है। इस इलाके में अधिकांश बलूच लोग रहते हैं। लेकिन पाकिस्तान दशकों से इन सबकी उपेक्षा करता आया है। प्राकृतिक संसाधन के लिहाज से यह इलाका बहुत ही सर्वाधिक उपयोगी है, पर पाकिस्तान यहां के लोगों को हमेशा से दमन करता रहा है।

लिहाजा, दशकों से उपेक्षा का शिकार हो रहे बलूचों ने आजादी के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बलूचिस्तानियों ने 1948 से ही पाकिस्तान के कब्जे के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया था।

बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हो रहा है उल्लंघन

बलूचिस्तानियों का मानना है कि उन्हें 11 अगस्त को 1947 को ही ब्रिटिश शासन से आजादी मिल गई थी, हालांकि पाकिस्तान लगातार इसपर अवैध रूप से अपना दावा जताता रहा है। आन्दोलन करने वाले बलूच कार्यकर्ताओं को पाकिस्तानी सेना ने कई बार निर्ममता के साथ खत्म कर दिया।

मौजूदा समय में भी बलूचिस्तान में किसी तरह का कोई इंटरनेट सुविधा नहीं है और नहीं मीडिया कवरेज की आजादी है। बलूचिस्तान में मीडिया कवरेज पर पाकिस्तान ने पाबंदी लगा रखी है। हालांकि अब गाहे-बगाहे सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो सामने आ जाते हैं, जिससे पाकिस्तान की पोल खुल जाती है।

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