
इस्लामाबाद। पूरी दुनिया में जम्मू-कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान खुद अपने घर को संभाल नहीं पा रहे हैं। पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची को लेकर अब पाकिस्तान के अंदर ही सियासी घमासान छिड़ गया है।
जहां एक ओर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तमाम वैश्विक मंचों पर भारत को घेरने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं कराची शहर को लेकर अपने ही घर में उन्हें विपक्षी दल आईना दिखा रहे हैं।
प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का कहना है कि संघीय सरकार कराची को सिंध से अलग कर इसे 'हड़पना' चाहती है। पीपीपी का कहना है कि सरकार की ऐसी नीतियों की वजह से बांग्लादेश की तरह सिंधुदेश व पख्तूनदेश बन सकते हैं।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब, पाकिस्तान के संघीय कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि कराची की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए संघीय सरकार संविधान के एक अनुच्छेद का सहारा लेकर शहर को अपने नियंत्रण में ले सकती है।
PML-N ने भी जताया विरोध
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के साथ-साथ पाकिस्तान में सत्तारूढ़ तहरीके इंसाफ पार्टी के सिंध के कुछ नेताओं ने भी इस बयान का विरोध किया। बाद में नसीम ने सफाई दी कि उन्होंने यह बयान निजी हैसियत में दिया है।
पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी की प्रतिक्रिया बेहद तीखी रही। उन्होंने हैदराबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में गुरुवार को कहा कि इमरान सरकार की नीतियों की वजह से प्रांतों में नाराजगी है और इसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सिंध के संसाधनों पर 'कब्जा' बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सिंध में पीपीपी की सरकार है और भुट्टो-जरदारी परिवार का संबंध सिंध से है। बिलावल ने कहा कि यह देश एक बार पहले भी टूट चुका है जब इस्लामाबाद ने एक प्रांत पर नियंत्रण की कोशिश की थी। अगर आज पीपीपी और उसकी जैसी विचारधारा वाली पार्टियां खड़ी नहीं हुईं तो सिंध, सेराइकी (पाकिस्तानी पंजाब के दक्षिण-पश्चिम में बोली जाने वाली भाषा) और पख्तून देश बन सकता है। बांग्लादेश के बाद सिंधुदेश, सेराइकीदेश और पख्तूनदेश बन सकता है।
बिलावल ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि देश चलाना क्रिकेट मैच खेलने से अलग होता है। सरकार संविधान से खेल रही है और उनकी पार्टी के लोग अपना रक्त देकर देश को बचाएंगे। कराची को इस्लामाबाद से चलाए जाने को मंजूर नहीं किया जाएगा। गैर लोकतांत्रिक ताकतें सिंध की निर्वाचित सरकार और वहां के नागरिकों के अधिकारों पर हमले कर रही हैं।
बिलावल ने आगे कहा कि इमरान सरकार ने यह बात रखी कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने गैर संवैधानिक तरीके से कश्मीर पर कब्जा कर लिया और इसी के साथ आपने खुद कराची पर कब्जे की कोशिश की। यह निहायत अजीब बात है।
बिलावल के बयान पर मचा हंगामा
बता दें कि बिवावल भुट्टो के बयान के तीखी आलोचना के बाद सरकार के अंदर हंगामा मच गया। शुक्रवार को संसद में सरकार की तरफ से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चेतावनी दी कि 'जातीय राष्ट्रवाद' को भड़काने की कोशिश न की जाए। दुनिया को यह संदेश नहीं दिया जाए कि पाकिस्तान में प्रांतों के साथ अन्याय हो रहा है।
कुरैशी ने बिलावल के बयान पर कहा, "उनके (बिलावल के) लिए यह सही नहीं है कि वह सिंधुदेश या पख्तूनिस्तान की बात करें। पख्तूनिस्तान की बात करने वाले पिट गए..सिंधु देश की बात करने वालों के साथ भी यही होगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि हर सिंधी पाकिस्तान के साथ है।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यह बिलकुल साफ किया जा रहा है कि सिंध में कोई राजनैतिक कदम नहीं उठाया जा रहा है। कोई गवर्नर रूल नहीं लगने जा रहा है। वहां की सरकार के साथ किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं होने जा रही है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.
Updated on:
14 Sept 2019 09:15 am
Published on:
13 Sept 2019 06:03 pm
बड़ी खबरें
View Allएशिया
विदेश
ट्रेंडिंग
