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चीनी अर्थव्यवस्था की कमर टूटी, 84 हजार करोड़ रुपए के नोटों को नष्ट किया जाएगा

कागज के नोटों के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा। 17 जनवरी से अब तक चीन में 6.11 लाख करोड़ रुपए के नए नोट जारी हुए।

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कोरोना वायरस के डर नष्ट हो जाएंगे नोट।

बीजिंग। कोरोना वायरस के कहर ने चीनी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। इससे एक तरफ चीन के आयात-निर्यात पर असर पड़ा है, वहीं दूसरी ओर चीन के लोगों को नकदी संकट से भी जूझना पड़ सकता है। जानलेवा कोरोनावायरस को लेकर चीन को ऐहतियातन इस कदम को उठाना पड़ सकता है। दरअसल कागज के नोटों के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में चीन ने 84000 करोड़ रुपए के नोटों को नष्ट करने का आदेश दे दिया है।

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चीन की सरकार संक्रमित लोगों के हाथों से होते हुए बाजार में फैले संक्रमित नोट को हटाने की कोशिश में जुटी है। अस्पताल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सार्वजनिक स्थलों पर इस्तेमाल होने वाले काजगी नोट कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में सरकार ने इन नोटों को नष्ट करने का आदेश दिया है।

दरअसल, चीन के सेंट्रल बैंक ने हजारों करोड़ों के संक्रमित नोटों को नष्ट करने का फैसला लिया है। हालांकि,अभी यह तय नहीं हो पाया है कि सेंट्रल बैंक कितनी राशि के नोटों को नष्ट करेगा। उधर पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने भी कागजों से बने सभी नोटों को खत्म करने का आदेश दिया है।

सेंट्रल बैंक के डिप्टी गर्वनर फैन यिफेई के अनुसार सेंट्रल बैंक ने 17 जनवरी से अब तक पूरे देश में 600 बिलियन युआन (करीब 6.11 लाख करोड़ रुपए) के नए नोट पूरे देश में जारी किए हैं। इनमें से 4 बिलियन युआन (करीब 28,581 करोड़ रुपए) के नए नोट सिर्फ वुहान में भेजे गए हैं। चीन का वुहान और हुबेई प्रांत कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। बैंक का कहना है कि बाजार में जारी नोट को नष्ट करना ही होगा। वहीं जनवरी के बाद जारी नोटों की अल्ट्रवायलेट किरणों से सफाई होगी फिर उन्हें 14 दिनों तक लोगों दूर रखा जाएगा। इसके बाद बाजार में भेजा जाएगा। गौरतलब है कि, चीन में घातक कोरोना वायरस का कहर जारी है और यह अभी तक 1700 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।