12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चीन में दंपती को महंगा पड़ा सरकारी नियम का उल्लंघन, जानिए क्यों भरना पड़ा 1 करोड़ रुपए का जुर्माना

चीन में दंपती ने तोड़ा सरकारी नियम नियम उल्लंघन पर चुकानी पड़ी 1 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि

2 min read
Google source verification
Chinese couple fine 1 crore

चीन में दंपती ने तोड़ा सरकारी नियम तो भरना पड़ा 1 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली। सरकारी नियमों का उल्लंघन कितना भारी पड़ सकता है इसका एक उदाहरण चीन ( China ) में देखने को मिला है। जहां एक दंपती को सरकार की ओर जारी नियमों और नीतियों को तोड़ना काफी महंगा पड़ गया। दरअसल चीन में रहने वाले एक दंपत्ति ने दो बच्चों वाली नीति का उल्लंघन करते हुए सात बच्चे पैदा कर दिए।

बस फिर क्या था, चीनी सरकार की इस नीति के उल्लंघन के दंड स्वरूप इस दंपती को भारी भरकम रकम चुकानी पड़ी है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

देश के कई राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले, केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी किए अहम निर्देश

इसलिए चुकानी इतनी भारी रकम
चीन 34 वर्षीय महिला उद्यमी ज्हांग रोंगरोंग और उनके 39 साल के पति के बच्चों में पांच लड़के और दो लड़कियां हैं। इस दंपती ने चीन की जनसंख्या नियंत्रण ( China Population Control ) की सबसे बड़ी नीति का उल्लंघन किया। लिहाजा इन्हें सोशल सपोर्ट फीस ( जो इस नियम या नीति के उल्लंघन के तौर पर सरकार की ओर से निर्धारित है) देना पड़ी।

अगर ये दंपती ये फीस नहीं देता तो उनके बाकी के पांच बच्चों को सरकारी पहचान से जुड़े दस्तावेज नहीं दिए जाते। इसका खामियाजा उनके भविष्य पर तो पड़ता ही साथ ही उन्हें देश छोड़ने पर भी मजबूर कर सकता था।

इसलिए तोड़ा सरकारी नियम
ज्हांग का स्किनकेयर, जूलरी और कपड़ों का बिजनेस है और उनकी कंपनियां दक्षिण-पूर्वी चीन में स्थित हैं। ज्हांग ने बताया कि आखिर उन्होंने इस नियम का उल्लंघन क्यों किया। उन्होंने कहा कि वे कई बच्चे चाहती थीं क्योंकि उन्हें अकेलेपन से काफी ज्यादा परेशानी होती है और वे कभी अकेले नहीं रहना चाहतीं।

ज्हांग ने कहा कि जब मेरे पति अपनी बिजनेस ट्रिप के लिए बाहर होते हैं तो मुझे काफी परेशानी होती थी। मेरे बड़े बच्चे पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में जा चुके हैं। ऐसे में छोटे बच्चे ही मेरे साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि सात बच्चों के बाद अब वे और कोई संतान नहीं करने वाले हैं।

ज्हांग ने आगे कहा कि हमने इन बच्चों की प्लानिंग करने से पहले यह सुनिश्चित किया था कि हम आर्थिक तौर पर संपन्न रहें ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा दे पाएं।

चीन ने कब बनाई नीति
आपको बता दें कि चीन ने 1979 में एक बच्चे की नीति शुरू की थी। 36 साल बाद साल 2015 में उसने इस नीति को खत्म करके दो बच्चों की नीति को लागू कर दिया था।

पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखों के एलान के बाद बीजेपी को बड़ा झटका, हिंसक वारदात में हुआ ये नुकसान

इतनी राशि का लगा जुर्माना
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक दंपत्ति को सात बच्चे पैदा करने की वजह से 1 लाख 55 हजार डॉलर्स यानी 1 करोड़ से अधिक की राशि सोशल सपोर्ट फीस के तौर पर देनी पड़ी है।

आपको बता दें कि एक बच्चे की नीति के कारण चीन में जन्म दर घट रही है और साल 2019 में हजारों लोगों पर केवल 10 जन्मदर रह गई थी, जो 70 सालों में सबसे कम है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में घटती जन्मदर और बूढ़े लोगों की जनसंख्या जनसांख्यिकीय तौर पर काफी खतरनाक साबित हो सकती है।