
'कुर्सी'के जरिए सत्ता पर काबिज होने की फिराक मेें हाफिज सईद, इस दल से लड़ेगा चुनाव
इस्लमाबाद। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान के चुनावी रण में उतरेगा। हाफिज सईद आम चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़ा करने जा रहा है। हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा ने ‘अल्लाह-हू-अकबर तहरीक’ नाम की नई पार्टी से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। दरअसल, इस समूह की मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) का राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकरण नहीं हो पाया है। जमाद-उद-दावा ने साल 2008 में मुंबई हमले को अंजाम दिया था। इस संगठन ने मिल्ली मुस्लिम लीग के नाम से अपनी सियासी पार्टी शुरू की थी लेकिन पाकिस्तान चुनाव आयोग के पास यह अब तक पंजीकृत नहीं हो पाई है। आम चुनाव नजदीक आने के साथ ही संगठन ने ठंडे बस्ते में पड़ी पार्टी ‘अल्लाह-हू-अकबर तहरीक’ के जरिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। बता दें कि ‘अल्लाह-हू-अकबर तहरीक’ पार्टी पाकिस्तान चुनाव आयोग में पंजीकृत है। जमात-उद-दावा के एक सदस्य ने बताया, 'यह एक निष्क्रिय पार्टी है जिसे एहसान नाम के नागरिक ने पंजीकृत कराया था। इस तरह की कई पार्टियां पाकिस्तान चुनाव आयोग में दर्ज हैं ताकि मुख्यधारा की किसी दल को अगर परेशानियों का सामना करना पड़े तो वे इनका सहारा ले सकें।'पार्टी सदस्य ने साथ ही ये भी जानकारी दी कि मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद इस संबंध में जल्द ही औपचारिक घोषणा करेंगे।
कुर्सी है पार्टी का चुनाव चिन्ह
‘अल्लाह-हू-अकबर तहरीक’ पार्टी का चुनाव चिन्ह कुर्सी है। जमात उद दावा के सदस्य ने बताया कि अब जमात उद दावा/मिल्ली मुस्लिम लीग के उम्मीदवार कुर्सी को चुनाव चिन्ह के साथ देश का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने ये भी कहा जमात उद दावा के पास मुताहिद्दा मजलिस अमल को समर्थन देने का विकल्प भी था, मगर हाफिज सईद ने अकेले लड़ने का फैसला किया।
पाक में 25 जुलाई को होंगे चुनाव
पाकिस्तान में आम चुनाव 25 जुलाई को होंगे। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कुल 10.5 करोड़ मतदाता अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे, जिनमें करीब 6 करोड़ पुरुष और 4.6 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। वर्तमान सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो चुका है और फिलहाल पूर्व मुख्य न्यायाधीश नसीरुल मुल्क को कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है। नसीरुल सरकार यानी कार्यवाहक सरकार ही पाकिस्तान में चुनाव कराएगी। संसदीय चुनाव के अलावा सिंध, खैबर पख्तूनख्वाह, बलूचिस्तान प्रातों की सरकारों का कार्यकाल 28 मई को खत्म हो चुका है। बता दें कि पाकिस्तान के संविधान में सरकार का कार्यकाल खत्म होने के 60 दिन में चुनाव कराने होते हैं। यह लगातार दूसरी बार हुआ है जब किसी चुनी हुई सरकार ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है।
Updated on:
03 Jun 2018 09:20 am
Published on:
03 Jun 2018 09:17 am
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