
बीजिंग। चीन के अर्ध स्वायित्व वाले प्रांत हांगकांग में प्रत्यर्पण बिल ( Hong Kong Extradition bill ) को लेकर कई हफ्तों से विरोध प्रदर्शन जारी है। इन विरोधों को हिंसक रूप में तब्दील होते देख प्रशासन ने इस बिल को अस्थाई रूप से स्थगित करने का फैसला किया था। बाद में चर्चा यह भी चल रही थी कि इस मुद्दे को आगामी G20 सम्मिट ( G20 summit ) में उठाया जाएगा। खुद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसपर बातचीत करने का ऐलान किया था। हालांकि, अब बीजिंग ने साफ मना कर दिया है कि वो इस बिल पर चर्चा की अनुमति नहीं देगा।
G20 में बिल पर बात करने की अनुमति नहीं: बीजिंग
सोमवार को इस बारे में बीजिंग की ओर से एक बयान जारी किया। बता दें कि वैश्विक नेता ही नहीं, खुद प्रदर्शनकारी भी चाहते थे कि वो अपनी बात अंतरराष्ट्रीय समुदायों के सामने रखें। लेकिन, अब चीन ने इसके लिए साफ इनकार कर दिया है। चीन के विदेश मामलों के सहायक मंत्री झांग जून ने इस मामले में दिए अपने बयान में कहा, 'मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि G20 में हांगकांग के मामलों पर चर्चा नहीं की जाएगी। हम G20 को हांगकांग के मामलों के बारे में बात करने की अनुमति नहीं देंगे।'
क्या है इस बिल में और पूरा विवाद?
बता दें कि इस प्रत्यर्पण बिल का हांगकांग के लोगों में जबरदस्त विरोध है। इस प्रस्तावित बिल में प्रावधान है कि हांगकांग के किसी भी संदिग्ध या आरोपी को चीन प्रत्यर्पित किया जा सकता है। कई विशेषज्ञों समेत प्रदर्शनकारी इस हांगकांग और उसकी कानून प्रणाली पर खतरा बता रहे हैं। प्रदर्शन ने पिछले हफ्ते काफी उग्र रूप ले लिया था, जिसके बाद हांगकांग की सुप्रीम नेता कैरी लैम ने इस सस्पेंड करने का ऐलान किया था। इसके साथ इन प्रदर्शनों के दौरान आम लोगों को हुई दिक्कत के लिए भी हांगकांग नेता ने माफीनामा पेश किया था। हालांकि, अब प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस बिल को स्थाई रूप से निरस्त करने का फैसला लिया जाए।
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Updated on:
24 Jun 2019 06:08 pm
Published on:
24 Jun 2019 05:01 pm
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