
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) कोरोना वायरस (Coronavirus) के नाम पर दुनिया भर से चंदा मांगने में जुटा हुआ है। वह इस महामारी की आड़ में बड़ी सहायता राशि पाना चाहता है। मगर उसे अभी तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। इस बात का अंदाजा पीएम इमरान खान (Imran khan) के दावे से लगता है।
उन्होंने कहा है कि इस संकट में न तो किसी देश और न ही किसी वैश्विक संगठन ने पाकिस्तान को एक डॉलर की भी मदद की है। गौरतलब है कि पाकिस्तान जर्जर अर्थव्यवस्था वाले उन देशों में शामिल है, जिस पर कोरोना की दोहरी मार पड़ रही है। पड़ोसी देश पहले से ही आईएमएफ और विश्व बैंक के कर्जे से अपनी अर्थव्यवस्था चला रहा था और अब कोरोना ने उसकी कमर तोड़ दी है।
आने वाले समय में इस मुश्किल से निकलने का कोई आसार नहीं है। इमरान खान अपील पर अपील किए जा रहे हैं, लेकिन कोई भी देश मदद करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही वैश्विक समुदाय से मांग की थी कि कमजोर देशों का ऋण माफ किया जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोगों और पत्रकारों से बातचीत में इमरान ने कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। मुश्किलों के बावजूद न तो कोई देश और न ही किसी वैश्विक संगठन ने सिंगल डॉलर की ही मदद की है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर माना कि आईएमएफ ने लोन के रिपेमेंट में राहत दी है।
वहीं, विरोधियों पर निशाना साधते हुए पाक पीएम इमरान का कहना है कि कई लोग सोशल मीडिया पर झूठा का प्रचार करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है कि उसने भ्रष्टाचार किया है। पीएम ने कहा कि चाहे जितना भी झूठ बोला जाए लेकिन लोगों को अंत में सच पता चल ही जाएगा।
मार्च की शुरुआत में पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक और एशिया विकास बैंक यानी एडीबी से आश्वासन मिला था कि कोरोना वायरस और उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए 58.8 करोड़ डॉलर की मदद दी जाएगी। कोरोना के मामले बढ़ते ही इमरान सरकार ने दोनों बैंकों से अपनी डिमांड रखनी शुरू कर दी थी। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि वर्ल्ड बैंक 23.8 करोड़ डॉलर और एडीबी 35 करोड़ डॉलर का लोन देगा। यह पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत हो सकती थी। इमरान की मानें तो पाकिस्तान को यह रकम अब तक नहीं मिल पाई है।
सदाबहार दोस्त ने तो मदद के नाम पर लगाया चूना
इमरान के सदाबहार दोस्त चीन ने भी उसे आर्थिक मदद नहीं की है। हालांकि, इस दौरान उसने मास्क और किट जरूर भेजे थे। मगर ये घटिया क्वालिटी के पाए गए। चीन ने बाकी देशों को तो ठगा ही, उसने अपने सगे कहे जाने वाले पाकिस्तान को भी उसी तराजू में रखा। चीन ने मदद की इच्छा जताते हुए कोरोना संक्रमण के बीच सीमा खुलवाई। चीन द्वारा भेजा गया मास्क जब पाकिस्तानी डॉक्टरों ने खोल कर देखा तो वह अंडर गार्मेंट से बने हुए मास्क थे।
Updated on:
27 Apr 2020 10:18 am
Published on:
27 Apr 2020 10:06 am
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