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China को एक बड़ा झटका देने की तैयारी में Japan, अपनी सारी कंपनियों को Bijing से बुलाया वापस

HIGHLIGHTS जापान ( Japan ) ने चीन ( China ) को बड़ा झटका देते हुए बीजिंग से अपने सभी जापानी कंपनियों ( Japanese Company ) को वापस निकालने का फैसला किया है। जापान अपनी 57 कंपनियों को चीन से वापस बुलाकर ( Japan Call Back its Companies From China ) अपने ही देश में मैन्युफैक्चरिंग ( Manufacturing ) करने के लिए 53.6 करोड़ डॉलर खर्च करने का प्रावधान किया है।

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Japan has decided to call back all its companies and factories from China

नई दिल्ली। चीन ( China ) पर एक के बाद एक कई देश अपना शिकंजा कसते जा रहे हैं। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के कारण पूरी दुनिया में तबाही मची है और इसके आड़ में अपनी अर्थव्यवस्था ( Economy ) से लेकर सीमा को बढ़ाने में जुटा चीन को झटका लगना शुरू हो गया है। पहले भारत ने आर्थिक मोर्च ( Economic fronts ) और सीमा पर करारा जवाब दिया तो वहीं अमरीका ( America ) ने भी चीन के पर कतरने शुरू कर दिए।

अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है। जापान ( Japan ) ने चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है। यह झटका भारत और अमरीका से भी बड़ा होगा। दरअसल, जापान सरकार ने चीन से अपने सभी जापानी कंपनियों को वापस निकालने ( Japan Call Back its Companies ) का फैसला किया है।

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जापान की तरफ से एक खास पहल की गई है, ताकि लोकल सप्लाई चेन पर कभी कोई असर ना पड़े और चीन पर उनकी निर्भरता भी कम हो सके। इसके लिए सरकार ने चीन से जापानी कंपनियों ( Japanese Company ) को निकालने और फिर से जापान में लाने के लिए पैसे देने का निर्णय किया है।

बता दें कि जापान अपनी 57 कंपनियों को चीन से वापस बुलाकर अपने ही देश में मैन्युफैक्चरिंग ( Manufacturing ) करने के लिए 53.6 करोड़ डॉलर खर्च करने का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं, जापान अपने अन्य 30 कंपनियों को वियतनाम, म्यांमार, थाइलैंड और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ( Southeast Asian Countries ) से वापस बुला रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इसके लिए कुल मिलाकर करीब 70 अरब येन खर्च करेगी।

अमरीका और भारत ने पहले ही चीन को दिया झटका!

आपको बता दें कि चीन का जो तरीका अभी तक रहा है उससे कई देश नाराज हैं। चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद ( Border Dispute ) को लेकर लगातार विवाद पैदा कर रहा है तो वहीं आर्थिक मोर्चे पर भी ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अब कई देशों ने चीन के खिलाफ आर्थिक स्तर से लेकर सीमा पर भी मोर्चा खोल दिया है।

ताइवान ( Taiwan ) की सरकार ने 2019 में कुछ ऐसी ही पॉलिसी बनाई थी जैस की जापान ने अब अपनाई है। वहीं अब अमरीका ने भी जारी तनाव के बीच अपनी कंपनियों ( American Company In China ) को चीन से निकालने की कवायद कर रहा है। एप्पल ने तो भारत में अपने प्लांट्स बढ़ाने का फैसला भी कर लिया है।

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बहुत सारी कंपनियां चीन से निकलकर भारत में आना चाहती हैं। भारत ने आर्थिक मोर्चे पर प्रहार करते हुए चीनी कंपनियों ( Chinese Company In India ) के कई कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए तो वहीं भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स ( Chinese Apps Ban In India ) को बैन कर दिया। ऐसे में चीन को अरबों का नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में भारत चीनी कंपनियों को भी बाहर का रास्ता दिखाएगी।