
इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो बड़े झटकों के बाद अब धीरे-धीरे पाकिस्तान सही रास्ते पर आते दिख रहा है। आईसीजे के फैसले के बाद अब पाक ने कुलभूषण जाधव ( Kulbhushan Jadhav ) को राजनयिक पहुंच ( consular access ) मुहैया कराने की बात कही है। इस बारे में पाक विदेश मंत्रालय ( Pakistan foreign ministry ) ने गुरुवार देर रात एक बयान जारी कर जानकारी दी।
बयान में कहा गया है कि पाक अपने देश के कानून के तहत भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है।
ICJ ने दिया था यह निर्णय
इसके साथ ही मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि जाधव को वियना संधि के तहत राजनयिक संबंधों पर उनके अधिकारों की जानकारी से अवगत करा दिया गया है। आपको बता दें कि बुधवार को दि हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव की फांसी पर रोक जारी रखते हुए उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस देने का फैसला सुनाया था। ICJ के इस निर्णय को भारत की एक बड़ी जीत के तरह देखा जा रहा है।
पाक विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
फैसले के बाद गुरुवार को पाक विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। मंत्रालय के मुताबिक, 'ICJ के फैसले के बाद कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के अनुच्छेद 36 के पैराग्राफ 1 (बी) के तहत उनके अधिकारों के बारे में सूचना दे दी गई है। एक जिम्मेदार देश होने के नाते पाक जाधव को देश के कानूनों के अनुसार राजनयिक पहुंच मुहैया कराएगा। इसके लिए काम किया जा रहा है।'
पाक को फैसले पर दोबारा विचार करने का आदेश
गौरतलब है कि ICJ ने बुधवार को सुनाए गए अपने फैसले में पाकिस्तान को फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से दोबारा विचार करने और राजनयिक पहुंच देने का निर्देश दिया था। भारतीय नागरिक जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ भारत ने ICJ में अपील की थी।
क्या होता है कॉन्सुलर एक्सेस
युद्धबंदियों और विदेशी नागरिकों के लिए तय हुई वियना संधि के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश के नागरिक को किसी दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है, तो गिरफ्तार करने वाले देश को कुछ अनिवार्य शर्तें माननी होंगी। इसके प्रावधान इस तरह हैं-
- गिरफ्तार करने वाले देश को बिना देरी किए आरोपी व्यक्ति के देश को जानकारी देनी होगी।
- गिरफ्तार करने वाले देश को आरोपी व्यक्ति के देश के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उस देश के नागरिक को गिरफ्तार किया है।
- इसी संधि के आर्टिकल 36(1)(सी) में कहा गया है कि आरोपी व्यक्ति के देश के अधिकारियों को गिरफ्तार करने वाले देश में सफर करने का अधिकार होगा। यही नहीं, उन्हें अपने नागरिक से अकेले में मिलने और उसके लिए किसी भी तरह की कानूनी मदद मुहिया कराने का भी प्रावधान है।
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Updated on:
19 Jul 2019 05:22 pm
Published on:
19 Jul 2019 08:25 am
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