
नई दिल्ली।
चीन में मुस्लिम खासकर उइगुर समुदाय के लोगों पर अत्याचार की खबरें जब तब आती रहती है। लेकिन इस बार एक और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां मुस्लिम से जुड़े मुद्दे पर एक किताब में दावा किया गया है कि चीन सरकार ने उनके व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। ऐसा करने वाली महिलाओं को हिरासत में लिया जा रहा है। चीन ने ऐसी मुस्लिम महिलाओं को प्री-क्रिमिनल्स बताया है।
किताब का नाम 'In The Camps: China's High-Tech Penal Colony' है और इसमें चीन सरकार की ओर से मुस्लिम समुदाय पर हो रहे अत्याचार का खुलासा किया गया है। किताब में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की एक छात्रा वेरा झोऊ के केस का उदाहरण दिया गया है।
वेरा झोऊ को हाल ही में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल कर अपने स्कूल के जीमेल अकाउंट को खोलने के लिए हिरासत में ले लिया गया था। बताया जा रहा है कि छात्रा ने इस जी-मेल अकाउंट को चीन के झिनजियांग में अपना होमवर्क सब्मिट करने के लिए खोला था।
'In The Camps: China's High-Tech Penal Colony' नाम की यह किताब गत मंगलवार को जारी कई गई। किताब में वेरा झोऊ के अलावा 11 अन्य मुस्लिम महिलाओं का जिक्र है, जिन्हें पुलिस ने प्री-क्रिमिनल कहा है।
किताब के अनुसार, वेरा झोऊ को हिरासत में लेने के बाद उनसे कहा गया कि उन्हें री-एजुकेशन क्लास में भेजा जा रहा है। वेरा झोऊ के मुताबिक वो काफी दिनों तक कैद में रहीं और यहां तक कि साल 2018 में नया साल कैद में ही बिताया था। वेरा झोऊ कैंप में करीब 6 महीने तक रही थी। उन्हें इस शर्त पर छोड़ा गया कि उन्हें सोशल स्टैबिलिटी वर्कर को रिपोर्ट करना होगा।
कैंप से छूटने के बाद भी वेरा झोऊ ऐसा महसूस करती थीं कि वह डिजीटली रूप से कैद हैं। वेरा झोऊ को मुस्लिम प्री-क्रिमिनल तक कहा गया। बता दें कि चीन में बनाए गए डिटेन्शन सेंटर में 1 मिलियन उइगुर लोग और अन्य मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोगों को कैंप में रखा है। कैंपों में रखे गये इन लोगों से जबरन काम कराया जाता है और इनपर कई तरह के जुल्म किये जाते हैं।
Published on:
13 Oct 2021 02:45 pm
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