
Myanmar Junta
म्यांमार (Myanmar) की आर्मी, जिसे म्यांमार जुंटा (Myanmar Junta) के नाम से भी जाना जाता है, दुनियाभर में सबसे सख्त आर्मी में से एक मानी जाती है। 1 फरवरी, 2021 को म्यांमार जुंटा ने सरकार का तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद से ही देश में सैन्य शासन लागू है। म्यांमार जुंटा के शासन में आने के बाद से ही देशभर की स्थिति काफी सख्त हो गई। साथ ही लोगों को जुंटा का विद्रोह करने पर पर जेल की सज़ा भी दी जाने लगी। म्यांमार जुंटा का विरोध करने की वजह से देश की जेल में कई हज़ार कैदी सज़ा काट रहे हैं। पर म्यांमार जुंटा ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है।
क्या है म्यांमार जुंटा का बड़ा फैसला?
हाल ही में म्यांमार जुंटा ने अपने देश के 2,153 कैदियों को माफ करने का फैसला लिया है। ये सभी कैदी देश की आर्मी का विरोध करने के आरोप में जेल में सज़ा काट रहे थे। म्यांमार जुंटा ने अपने देश में कानून बनाया हुआ है कि आर्मी का विरोध करना जुर्म माना जाता है। ऐसा करें वालों के लिए 3 साल की जेल की सज़ा का प्रावधान है।
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म्यांमार जुंटा के फैसले की वजह
म्यांमार जुंटा ने अपने देश के 2,153 कैदियों, जो आर्मी का विरोध करने की वजह से जेल की सज़ा काट रहे थे, उन्हें माफ करके रिहा करने का फैसला एक वजह के चलते लिया है। दरअसल देश में इस साल 3 मई का दिन कसोन फुल मून डे (Kasone Full Moon Day) के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन को भगवान बुद्ध के जन्मदिन के फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है। इसी वजह से म्यांमार जुंटा ने अपने देश के 2,153 कैदियों को माफ करने और रिहा करने का फैसला लिया है, जिस बात की जानकारी उन्होंने एक बयान के ज़रिए दी।
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Updated on:
03 May 2023 01:01 pm
Published on:
03 May 2023 11:33 am
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