
नई दिल्ली। चीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 2019 में अनौपचारिक बैठक के लिए भारत आमंत्रित किया। मोदी ने यहां दो दिवसीय अनौपचारिक सम्मेलन के पहले दिन कहा कि इस तरह की बैठकों की जरूरत है और इसके बाद उन्होंने शी को अगले वर्ष भारत आमंत्रित किया। जिसपर शी ने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
'शी ने जिस तरह स्वागत किया वो गर्व का विषय'
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपके निमंत्रण और आपके द्वारा किए गए स्वागत का आभारी हूं। यह पहली बार है कि जब बीजिंग से दूर आपने दो बार भारतीय प्रधानमंत्री की आगवानी की। आप खुद ही मेरा स्वागत करने वुहान आए, यह भारत के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि आपने सही कहा कि विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या वाले दो देशों के नेता मुलाकात कर रहे हैं।
ये अनौपचारिक नहीं ऐतिहासिक मुलाकात: मोदी
मोदी ने कहा कि यह केवल दो नेताओं का एक अनौपचारिक सम्मेलन नहीं है, बल्कि इसका एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भी है। जब हमने जुलाई में हैम्बर्ग में एक-दूसरे से मुलाकात की थी, तब इस अनौपचारिक मुलाकात के बारे में चर्चा हुई थी। मोदी ने कहा शी की तारीफ करते हुए कहा कि आपने मुझे अनौपचारिक बातचीत के लिए आमंत्रित किया और एक सकारात्मक माहौल का निर्माण किया। यह इस मुलाकात के लिए आपका निजी योगदान है।
विश्व अर्थव्यवस्था की अगुवा भारत-चीन
भारत और चीन के इतिहास पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि 2000 वर्षो के इतिहास में, भारत और चीन की अर्थव्यवस्था 1600 वर्षो तक विश्व अर्थव्यवस्था की अगुवा रही है। उन्होंने कहा कि इन 1600 वर्षो में भारत और चीन की अर्थव्यवस्था का संयुक्त रूप से दुनिया की अर्थव्यवस्था में 50 फीसदी का योगदान रहा।
बेहद खास है मोदी और शी की मुलाकात
मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को चीनी शहर वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। इस सम्मेलन को 'अपनी तरह का एक अनोखा' सम्मेलन माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'शी द्वारा हुबई प्रांतीय संग्रहालय में प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत करने के बाद, दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ मुलाकात की, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करने पर विचार साझा किए।'
Published on:
27 Apr 2018 08:14 pm
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