
जिनपिंग के लिए PM मोदी को झटके दे रहा नेपाल, यूं भारत से दूर और चीन के करीब जा रहा नेपाल
काठमांडूः चीन के समर्थक माने जाने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अगले हफ्ते पांच दिवसीय चीन यात्रा पर जा रहे हैं। नेपाल में चीन के बढ़ते दखल को देखते हुए इस दौरे पर भारत की पूरी नजर रहेगी। ओली की यह यात्रा भारत की विदेश नीति के लिहाज से बेहद अहम होगी। दूसरी बार नेपाल की सत्ता संभालने वाले ओली इसी कार्यकाल में इससे पहले भारत की यात्रा भी कर चुके हैं।
'चीन के लिए नेपाल ने भारत को दिए झटके'
भारत सदियों से नेपाल का साथी रहा है और सुख-दुख में हमेशा साथ खड़ा रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर व्यापार और कूटनीति के मामले में भी चीन का दखल तेजी से बढ़ा है। अब नेपाल ने चीन के लिए भारत को भी झटके देना शुरू कर दिया है। चीन ने दावा किया है कि नेपाल ने शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' का भी अनुमोदन किया है। गौरतलब है कि भारत ने करीब साढ़े आठ लाख करोड़ रुपए की इस योजना का कड़ा विरोध किया है। भारत ने इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताया था। दरअसल इस योजना का एक बड़ा हिस्सा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के रूप में भारत के कश्मीर से गुजरता है।
ओली को भारत के मुकाबले चीन ज्यादा पसंद
नेपाल के मौजूदा प्रधानमंत्री ओली पिछले कुछ सालों से भारत से नाराज और चीन के नजदीक नजर आ रहे हैं।
- 2015 में नेपाल के संविधान संघर्ष के दौरान भारत सीमा पर हुई नाकेबंदी के लिए उन्होंने भारत को दोषी ठहराया था।
- ओली ने भारत पर नेपाल की अंदरूनी राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया था।
- 2015 के बाद ओली के कार्यकाल में ही चीन के साथ अचानक कई परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए थे।
- नेपाल ने चीन के बेल्ट और रोड परियोजना का अनुमोदन कर बीजिंग से सबसे ज्यादा विदेशी मदद हासिल की।
- ओली ने भारत में तीन दिनों की यात्रा की थी, जबकि चीन दौरा पांच दिनों का है।
नेपाल पर डोरे डालने के लिए चीन ने कहा...
- 'OBOR के तहत नेपाल के साथ राजनीतिक-आर्थिक सहयोग को मजबूत करना और भूकंप से बिगड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।'
- 'चीन और नेपाल बहुग्राही और समर्थक साझेदार रहे हैं और इनकी मैत्री कई पीढ़ियों से है। इनके संबंधों में लगातार तीव्र गति से विस्तार हुआ है।'
- चीन ने नेपाल में इंटरनेट के लिए फाइबर ऑप्टिकल का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। अब तक इंटरनेट सुविधा के लिए नेपाल व्यापक स्तर पर भारत पर निर्भर था।
Published on:
13 Jun 2018 08:27 pm
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