पाकिस्तान: सामने आया हिंदुओं पर अत्याचार का एक और मामला, हॉस्टल में मिला मेडिकल छात्रा का शव
जिसके बाद इस फैसले के खिलाफ छात्राओं ने व्यापक विरोध शुरू कर दिया। चौतरफा विरोध को देखकर सरकार ने अपने आदेश को अविलंब वापस लेने का निर्णय करते हुए सोमवार रात वापस ले लिया।
सरकारी अधिकारियों ने यह कहते हुए इसका समर्थन किया था कि इससे छात्राओं को अनैतिक घटनाओं और उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। इस आदेश को बेहद जरूरी बताते हुए इसे अविलंब लागू करने का आदेश दिया गया था।
सोशल मीडिया पर भारी संख्या में लोगों ने किया विरोध
सूत्रों ने ‘डॉन न्यूज को बताया कि प्रांत के मुख्यमंत्री महमूद खान ने इस आदेश को बिना वजह जारी किया गया बताते हुए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के सचिव अरशिद खान से इसे रद्द करने के लिए कहा।
खान ने बताया कि इस आदेश को मुख्यमंत्री से सलाह-मशविरा किए बगैर लागू कर दिया गया था। वहीं यह फैसला सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी।
जहां कुछ लोगों ने सरकार की सराहना की थी और फैसले का समर्थन किया था, वहीं विरोध करने वाले लोगों की संख्या कहीं अधिक थी।
अम्बर रहीम शम्सी नाम की एक चैनल एंकर ने ट्वीट में कहा, ‘यह तो उत्पीड़न का जिम्मा पीड़ित पर ही थोपने जैसा हो गया और फिर यह भी है कि जो महिलाएं हिजाब और अबाया पहनती हैं, जैसे उनका उत्पीड़न होता ही नहीं है। क्या बात है केपी (खैबर पख्तूनख्वा)..वेल डन।’
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