
Pakistan and China is making Biological Weapons together! PAK Foreign Ministry has Denied
इस्लामाबाद। कोरोना महामारी ( Corona Epidemic ) से आज पूरी दुनिया जूझ रही है और इसके प्रकोप से अब तक 6 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब डेढ़ करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस का ये महामारी तेजी के साथ लोगों को अपना शिकार बनाता ही जा रहा है।
कथित तौर कोरोना वायरस चीन की ओर से तैयार किया गया बायलॉजिकल वैपन ( Biological Weapon ) है, जिसको लेकर पूरी दुनिया अब धीरे-धीरे चीन के खिलाफ खड़ी होती जा रही हैं। हालांकि चीन ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया है। इन सबके बीच अब एक और बड़ी खबर पाकिस्तान ( Pakistan ) से सामने आ रही है जो कि काफी चिंताजनक है।
दरअसल, ये खबर सामने आई है कि पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर जैविक हथियार ( Biological weapons ) विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है और इसको लेकर दोनों के बीच एक समझौता भी हुआ है। हालांकि पाकिस्तान विदेश विभाग ( Pakistan Foreign Department ) ने इन सभी खबरों को खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा है कि उसने चीन के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं किया है और न ही पाकिस्तान जैविक हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ( Australia ) के खोजी अखबार क्लेक्सन में बीते 23 जुलाई को एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट में ये बताया गया था कि पाकिस्तान और चीन के बीच जैविक हथियारों की क्षमता का विस्तार करने को लेकर एक गुप्त समझौता हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वुहान स्थित विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला ( Virology Laboratory ) और पाकिस्तान के सैन्य रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संगठन ( DISTO ) के बीच तीन साल का करार हुआ है। इस डील के तहत दोनों संगठन संक्रामक रोगों पर मिलकर शोध करेंगे।
पाकिस्तान ने रिपोर्ट को किया खारिज
मामला सामने आने के बाद रविवार को पाकिस्तान विदेश विभाग की ओर से एक बयान जारी कर सफाई दी गई। विदेश विभाग ने इस रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए गलत बताया। विभाग ने ये दावा किया कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से सूत्रों के हवाले से लिखी गई है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। पाक विदेश विभाग ने दावा किया कि पाकिस्तान की बायो-सेफ्टी लेवल-3 ( BSL-3 ) प्रयोगशाला के बारे में कुछ भी गुप्त नहीं है।
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में ये बताया है कि चीन दुनिया का ध्यान भटकाने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ( International Community ) के निशाने पर आने से बचने के लिए अपनी सीमा से बाहर इस तरह के प्रॉजेक्ट को कर रही है। पाकिस्तान चीन का सदाबहार दोस्त है, ऐसे में इस प्रॉजेक्ट को आसानी के साथ मिलकर किया जा सकता है। यही कारण है कि वुहान लैब ने पाकिस्तान को वित्तीय और साइंटिफिक रिपोर्ट भी दी है और सामान भी दिया है। प्रोग्राम को चीन पूरी तरह से फंड कर रहा है।
भारत के खिलाफ चीन की बड़ी साजिश?
इस रिपोर्ट के सामने के बाद विशेषज्ञों का दावा है कि चीन भारत के खिलाफ एक साजिश कर रहा है। भारतीय और पश्चिमी इंटेलिजेंस एजेंसियों ( Western Intelligence Agencies ) के मुताबिक चीन इस प्रॉजेक्ट के जरिए पाकिस्तान और भारत के बीच गहरी खाई पैदा करना चाहता है।
चीन की साजिश है कि जैविक हथियारों के रिसर्च के लिए दुनिया का ध्यान पाकिस्तान की ओर रहे और वह अपने मकसद में कामयाब भी हो जाए।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान और चीन ने अभी हाल में ही Bacillus Thuringienesis को आइसोलेट करने का सफल टेस्ट किया है जो Anthrax से मिलता-जुलता है। Anthrax को एक बायॉलजिकल वॉरफेयर एजेंट माना जाता है। बता दें कि कोरोना वायरस को चीन के वुहान स्थित लैब में तैयार किया गया एक वायरस माना जा रहा है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
Updated on:
26 Jul 2020 10:51 pm
Published on:
26 Jul 2020 08:55 pm
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