10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पाकिस्तान सरकार का दावा- चीन के CPEC को बर्बाद करने के लिए अमरीका ने भारत से मिलाया हाथ

चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC प्राधिकरण के प्रमुख खालिद मंसूर ने अरबों डॉलर की परियोजना के खिलाफ साजिश के आरोप में अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन पर निशाना साधा है। सीपीईसी पाकिस्तान और चीन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत चीन से पाकिस्तान तक कई अहम प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया जा रहा है।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Oct 24, 2021

cpec.jpg

नई दिल्ली।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार ने दावा किया है कि चीन और पाकिस्तान के आर्थिक कारिडोर को अमरीका बर्बाद करना चाहता है। इसमें वह भारत की मदद भी ले रहा है।

चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC प्राधिकरण के प्रमुख खालिद मंसूर ने अरबों डॉलर की परियोजना के खिलाफ साजिश के आरोप में अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन पर निशाना साधा है। इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में सीपीईसी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीपीईसी मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक ने अमरीका पर भारत के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।

यह भी पढ़ें:-खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने अमरीका में बैठकर जारी किया भारत का विवादित नक्शा, देखिए क्या हटा दिया

सीपीईसी पाकिस्तान और चीन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत चीन से पाकिस्तान तक कई अहम प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया जा रहा है। मंसूर ने कहा कि उभरती हुई भू-रणनीतिक स्थिति के दृष्टिकोण से स्पष्ट है कि भारत समर्थित अमरीका सीपीईसी का विरोधी है। वह इसे सफल नहीं होने देना चाहता है। हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी। सीपीईसी को बनाने में चीन भारी निवेश कर रहा है। सीपीईसी की कुल लागत 46 अरब डॉलर (करीब 31 लाख करोड़ रुपए) है। सीपीईसी के साथ पाकिस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी भारी निवेश किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें:-मैक्सिको के रेस्तरां में ड्रग तस्करों के बीच फायरिंग, जन्मदिन मना रही भारतीय मूल की महिला की गोली लगने से मौत

मंसूर ने कहा कि अमरीका और भारत चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से पाकिस्तान को बाहर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कहीं भी अपने लाभ के साथ समझौता नहीं करेगा। इससे पहले, पश्चिमी गठबंधनों से कई बार धोखा मिल चुका है। क्षेत्र में चीन के रणनीतिक प्रभाव को कम करने के उनके प्रयास विफल हो जाएंगे। पश्चिमी शक्तियां सीपीईसी को चीन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के प्रतीक के रूप में देखती हैं। अमरीका अब इस क्षेत्र से हटने के आर्थिक और राजनीतिक नतीजों का जायजा ले रहा है।

चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या सीपीईसी चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित इलाकों से होकर गुजरता है। भारत इस प्रोजेक्ट का विरोध करता है क्योंकि यह पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है।

मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट्स के साथ दूसरे इंफ्रस्क्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को डेवलप किया जाएगा।