
Pakistan PM Imran Khan (File Photo)
इस्लामाबाद। आतंकी संगठन ( Terror Organization ) और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई ने करने को लेकर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल ( FATF ) एक बार फिर से पाकिस्तान को फटकार लगाई है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान ( Pakistan ) को चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द से जल्द 27 सूत्री कार्ययोजना का अनुपालन करें।
फिलहाल एफएटीएफ ने पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में रहने की अवधि को बढ़ा दिया है और चार महीने का समय दिया है। साथ ही ये कहा है कि जून 2020 तक सभी 27 सूत्री कार्ययोजना को पूरा करें।
यदि जून 2020 तक पाकिस्तान FATF के सभी 27 सूत्रीय कार्ययोजना का अनुपालन करने में नाकाम रहता है तो यह संभावना ज्यादा है कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए।
पेरिस बैठक में PAK को नहीं मिला चीन का साथ
आपको बता दें कि 16 फरवरी से फ्रांस की राजधानी पेरिस में FATF की बैठक चल रही है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए तय किए गए 27 सूत्रीय कार्ययोजना पर पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा की गई।
इसमें पाया गया कि पाकिस्तान ने ऐसा कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे यह समझा जाए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इस्लामाबाद गंभीर है। इसके बाद पाकिस्तान को एक और मोहलत दी गई और ग्रे लिस्ट की अवधि को चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया।
इस बीच बैठक के दौरान चर्चा में पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने भी साथ नहीं दिया। बैठक के दौरान चीन ने भारत, अमरीका, यूरोपीय देशों और सऊदी अरब का साथ दिया। इन सभी देशों ने पाकिस्तान से कहा है कि उसे आतंकी वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग के मामले में सख्त कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा आतंकी संगठनों से जुड़े सभी नेताओं को सजा और अभियोजन के दायरे में लाना होगा।
2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था
आपको बता दें कि आतंकी फंडिंग और मनी लॉंड्रिंग के कई मामले सामने आने के बाद पाकिस्तान को FATF ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला था। इसके बाद कई बार इसकी समीक्षा की गई।
अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में इसकी समीक्षा की गई लेकिन पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिली। पाकिस्तान FATF की ओर से तय किए गए 27 सूत्रीय कार्ययोजना को लागू करने में नाकाम रहा। इसके बाद अब एक बार फिर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिा गया है।
FATF की अगली बैठक जून 2020 में होगी। इसमें पाकिस्तान की ओर से आतंकी वित्तपोषण, मनी लांड्रिंग और आतंकी सरगनाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की गहन समीक्षा की जाएगी। संभावना है कि यदि चार महीने में पाकिस्तान एफएटीएफ की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रहता है तो उसे ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाएगा।
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Updated on:
22 Feb 2020 07:53 am
Published on:
21 Feb 2020 05:07 pm
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