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सीपीईसी परियोजना को जारी रखने के लिए पाकिस्तान ने और अधिक कर्ज नहीं मांगा: चीन

बुधवार को चीन ने कहा कि अरबों की लागत से बनने वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को जारी रखने के लिए पाकिस्तान ने कोई भी अतिरिक्त कर्ज नहीं मांगा है।

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सीपीईसी परियोजना को जारी रखने के लिए पाकिस्तान ने और अधिक कर्ज नहीं मांगा: चीन

बीजिंग। चीन ने एक बार फिर से पाकिस्तान का साथ देते हुए उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने चीन से कर्ज मांगा है। बता दें कि बुधवार को चीन ने कहा कि अरबों की लागत से बनने वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को जारी रखने के लिए पाकिस्तान ने कोई भी अतिरिक्त कर्ज नहीं मांगा है।

सीपीईसी वन बेल्ट वन रोड का हिस्सा है

आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने चीन से सीपीईसी को जारी रखने के लिए और अधिक कर्ज देने को कहा था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जून 2018 की समाप्ति तक पाकिस्तान ने चीन से चार अरब डॉलर का कर्ज लिया था। बता दें कि सीपीईसी परियोजना बीजिंग की महत्वकांक्षी वन बेल्ट वन रोड़ पहल का हिस्सा है। मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने इस मसले पर सफाई देते हुए कहा है कि पाकिस्तान सीपीईसी निर्माण को जारी रखेगा। बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से निपटने के लिए चीन से सीपीईसी के निर्माण के तहत और अधिक कर्ज मांग रहा है। चीन ने सीपीईसी परियोजना में 50 अरब डॉलर से ज्यादा पैसे का निवेश किया है। इस परियोजना के तहत चीन के शिनजियांग क्षेत्र को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा गया है जिससे कि चीन अरब सागर में अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो सके।

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क्या है सीपीईसी परियोजना

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा एक बहुत बड़ी वाणिज्यिक परियोजना है, जिसका उद्देश्य दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग तक ग्वादर बंदरगाह, रेलवे और हाइवे के माध्यम से तेल और गैस की कम समय में वितरण करना है। आर्थिक गलियारा चीन-पाक संबंधों में केंद्रीय महत्व रखता है, गलियारा ग्वादर से काशगर तक लगभग 2442 किलोमीटर लंबा है। इस परियोजना को सम्पूर्ण होने में काफी समय लगेगा। इस परियोजना पर 46 बिलियन डॉलर लागत का अनुमान किया गया है। यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान होते हुए जायेगा। विविध सूचनाओं के अनुसार ग्वादर बंदरगाह को इस तरह से विकसित किया जा रहा है, ताकि वह 19 मिलियन टन कच्चे तेल को चीन तक सीधे भेजने में सक्षम होगा।