पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया (Gaurav Ahluwalia) ने इसकी शिकायत की है। भारत ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और पाकिस्तान से जांच की मांग की है। बीते गुरुवार को इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। भारत ने कूटनीतिक स्तर पर इस ममाले को उठाया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राजनयिक को परेशान करने और उनकी सामान्य ड्यूटी में बाधा डालले की शिकायत दर्ज कराई गई है।
वीडिया में पाया गया कि 31 मई को आईएसआई (ISI)के लोगों ने अहलूवालिया का बाइक से पीछा किया है। वे अहलूवालिया के घर के बाहर भी दिखाई दिए। ये अपनी कार और बाइक में उनके घर की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे।
बीते कुछ समय से पाकिस्तान में लगातार भारतीय उच्चायोग के सदस्यों को परेशान करने की शिकायते सामने आ रही हैं। भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने की मांग की है।
मार्च में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग की तरफ से सख्त नोट इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को भेजते हुए, कहा गया था कि पाकिस्तानी एजेंसियां स्टाफ का उत्पीड़न कर रही हैं। इसको लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था।
नोट के मुताबिक, भारत ने मार्च महीने में ही उत्पीड़न की 13 घटनाओं का उल्लेख किया था। इस दौरान पाकिस्तान से कहा गया कि इस तरह की घटनाएं बंद हो और मामले की तुरंत जांच की जाए। इसके साथ संबंधित एजेंसियों को यह निर्देश दिए कि दोबारा ऐसी घटनाएं न हों।
इसमें कहा गया कि ऐसी उत्पीड़न की घटनाएं स्पष्ट तौर पर विएना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमेटिक रिलेशंस ऑफ 1961 का उल्लंघन है। भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों और सदस्यों के परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की है।
गौरतलब है कि बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने जासूसी के आरोप में पाकिस्तान उच्चायोग के 2 अधिकारियों को पकड़ा था। इसके बाद सरकार ने उच्चायोग के दोनों अधिकारियों को जासूसी के आरोप में ‘निषिद्ध’ घोषित कर दिया और 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा था। दिल्ली पुलिस ने आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को एक भारतीय नागरिक से पैसे के बदले भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों के संवेदनशील दस्तावेज लेते वक्त पकड़ा था।