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गिलगिट-बाल्टिस्तान में PAK की साजिश, राष्ट्रपति अल्वी ने दिया चुनाव कराने के आदेश, भारत ने जताया कड़ा विरोध

HIGHLIGHTS राष्ट्रपति अल्वी ने 'गिलगिट-बाल्टिस्तान चुनाव और कार्यवाहक संशोधन आदेश 2020' को लागू करने का आदेश दिया है राष्ट्रपति अल्वी ने यह आदेश पाक सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल को दिए एक फैसले के बाद दिया है 24 जून को गिलगिट-बाल्टिस्तान विधानसभा अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अवैध तरीके से कश्मीर के कुछ हिस्से पर दशकों से कब्जा जमाए पाकिस्तान ने भारत के बढ़ते कदमों को देखते हुए अब वहां पर चुनाव कराने का फैसला लिया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के आदेश दिए हैं।

इतना ही नहीं उन्होंने वहां पर एक कार्यवाहक सरकार भी बनाने के आदेश दिए हैं। इसको लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

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राष्ट्रपति अल्वी ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल को दिए एक फैसले के बाद दिया है। 30 अप्रैल को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने संघीय सरकार को इस क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने की अनुमति दी थी।

बता दें कि 2018 के प्रशासनिक आदेश में गिलगिट-बाल्टिस्तान में कुछ बदलावों को अनुमति दी गई थी, इसमें से एक पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को कानून बनाने का आदेश देना भी शामिल है।

24 जून को पूरा हो रहा है विधानसभा का कार्यकाल

आपको बता दें कि 24 जून को गिलगिट-बाल्टिस्तान विधानसभा अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। इससे पहले शनिवार को कश्मीर मामलों और गिलगिट-बाल्टिस्तान के संघीय मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई। इस अधिसूचना के अनुसार, गिलगिट-बाल्टिस्तान में पारदर्शी चुनाव कराने के लिए राष्ट्रपति अल्वी ने 'गिलगिट-बाल्टिस्तान चुनाव और कार्यवाहक संशोधन आदेश 2020' को लागू करने का आदेश दिया है।

अपने आदेश में राष्ट्रपति ने कहा है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने और कार्यवाहक सरकार स्थापित करने के लिए कानूनों को अपनाना आवश्यक है।

डॉन अखबार ने अपनी रिपोर्ट में ये बताया है कि मौजूदा समय में गिलगिट-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI) पार्टी सत्तारूढ़ है और वहां के पार्टी अध्यक्ष सैयद जाफर शाह ने कहा कि पहले यहां पर कार्यवाहक सरकार बनाने का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन अब राष्ट्रपति के आदेश के बाद से ये कठिनाई हट गई है। उन्होंने बताया कि गिलगिट-बाल्टिस्तान विधानसभा चुनाव समय पर होंगे और कार्यवाहक सरकार दो महीनों के भीतर चुनाव कराने की व्यवस्था करेगी।

भारत ने जताया कड़ा विरोध

आपको बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के दौरान ही भारत ने अवैध और जबरन कब्जे को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

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भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस मामले पर पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र जारी किया था। इसमें पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की ओर से गिलगिट-बाल्टिस्तान को लेकर जो आदेश जारी किए गए थे उसपर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

भारत ने विरोध दर्ज कराते हुए ये स्पष्ट किया कि गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं। पाकिस्तान किसी भी तरह से भारतीय सीमा का अतिक्रमण नहीं कर सकता है।