
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के कॉन्सुलर एक्सेस को भारत ने ठुकरा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने सशर्त कॉन्सुलर एक्सेस दिया था, जिस पर भारत को आपत्ति थी। भारत ने कॉन्सुलर एक्सेस के लिए किसी भी शर्त को मानने से इनकार दिया। गौरतलब है कि इटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के आदेश के बाद पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का वादा किया था। पाकिस्तान ने इस पेशकश के लिए कुछ शर्तें रखी थीं। भारत पाकिस्तान की शर्तों का मूल्यांकन कर रहा था। पाक ने भारत से तीन शर्तें रखी थीं।
गौरतलब है कि 49 वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य कोर्ट ने 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। पाक कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में अपील की थी। इस पर आईसीजे ने 17 जुलाई को दिए आदेश में फांसी पर रोक लगाने को कहा था।
पाकिस्तान ने रखीं शर्तें
पाकिस्तान ने अपनी तीन शर्तो में सबसे पहली कुलभूषण जाधव से मिलने के दौरान भारतीय अधिकारियों के साथ कमरे में एक पाकिस्तानी अधिकारी की उपस्थिति की मांग की थी। दूसरा, कमरे में सीसीटीवी और तीसरा,साउंड रिकॉर्डिंग की सुविधा भी होगी। इसका मतलब था कि पाकिस्तान के अधिकारी बातचीत के हर शब्द को सुन सकेंगे। पाकिस्तान स्पष्ट रूप से सोचता है कि यह कानूनी रूप से जरूरी है।
वियना कन्वेंशन के उल्लंघन का दोषी पाया
वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 के तहत जब किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है तो जांच और हिरासत में रखे जाने के दौरान कैदी को कॉन्सुलर एक्सेस (राजनयिक पहुंच) देना जरूरी है। वहीं पाकिस्तान ने आईसीजे में तर्क दिया था कि जासूसी में किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी पर यह जरूरी नहीं कि उसे कॉन्सुलर एक्सेस दिया जाए। आईसीजे ने पाकिस्तान को राजनयिक पहुंच देने का निर्देश दिया था।
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Updated on:
02 Aug 2019 07:01 pm
Published on:
02 Aug 2019 08:29 am
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