
नई दिल्ली। भारत-चीन में संबंधों में इन दिनों काफी गर्माहट देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इसी हफ्ते मुलाकात होने वाली है। इस मुलाकात पीएनबी घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर भी चर्चा हो सकती है। आपको बता दें कि हाल ही में नीरव के हांगकांग में होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद भारत सरकार ने स्थानीय सरकार से उसकी अस्थाई गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था। दोनों राष्ट्र प्रमुखों की मुलाकात का रास्ता भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हाल ही में हुई मुलाकात के बाद ही साफ हो गया था।
...मोदी की गिरफ्तारी से इनकार कर चुका है चीन
भारत सरकार के अनुरोध को ठुकराते हुए चीन ने नीरव मोदी पर कोई कदम उठाने से इनकार कर दिया था। चीन का कहना था, 'यह हांगकांग का मामला है और इस पर फैसला लेने के लिए वहां का स्थानीय प्रशासन सक्षम है। ऐसे में चीन इस मामले में कोई दखल नहीं देगा।' हालांकि एक बात तो तय है कि इस संबंध में कोई भी अंतिम फैसला चीन ही लेगा।
...इसलिए अहम है नीरव पर जिरह
कई राज्यों में विधानसभा और अगले साल लोकसभा के चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार के लिए नीरव मोदी की गिरफ्तारी बेहद जरूरी है। 2014 में बीजेपी का सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार ही था। ऐसे में मोदी सरकार नहीं चाहेगी कि 2019 के समर में जब पार्टी उतरे तो मोदी सरकार के रिकॉर्ड में एक फरार घोटालेबाज को नहीं पकड़ पाने की नाकामी दर्ज हो।
अहम मंत्रियों ने संभाली चीन में कमान
आपको बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले से चीन में मौजूद थीं। सोमवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी चीन पहुंच चुकी हैं। मंगलवार को मोदी कैबिनेट की दो दिग्गज सदस्य चीन, रूस और मध्य एशिया के साथ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शिरकत करेंगी।
Published on:
24 Apr 2018 08:49 am
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