
SCO शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी बोले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की जरूरत
किंगदाओ। शंघाई सहयोग संगठन में शिरकत करने पहुंचे पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए अफगानिस्तान का उदाहरण दिया साथ ही दुनिया को SECURE मंत्र से भी रूबरू कराया। वहीं पीएम मोदी ने विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि 6 फीसदी विदेशी पर्यटक एससीओ समिट में शामिल देशों के सदस्य हैं, इसे बहुत आसानी से दोगुना किया जा सकता है। हमे अपने देशों की संस्कृति के बारे में प्रचार करने की जरूरत है, जिससे कि पर्यटकों की संख्या को बढ़ाया जा सके। हम भारत में एससीओ फूड फेस्टिवल और बुद्ध पर्व का आयोजन करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे दौर में पहुंच चुके हैं जहां मानवीय और डिजिटल कनेक्टिविटी भूगोल की परिभाषा को बदल रही है। ऐसे में एससीओ देशों के साथ कनेक्टिविटी हमारी प्राथमिकता है। इससे पहले सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से स्वागत करते हुए मुलाकात की और उनके साथ हाथ मिलाया।
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आपसी पर्यटन बढ़ाने पर जोर
पीएम मोदी ने एससीओ देशों के बीच आपसी पर्यटन बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि भारत में केवल 6% विदेशी पर्यटक एससीओ देशों से आते हैं, इसे आसानी से दोगुना कर दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों की आपसी संस्कृतियां कहीं न कहीं एक दूसरे से सम्बद्ध हैं। पीएम ने भारत में एससीओ खाद्य त्यौहार और बौद्ध त्यौहार आयोजित करने की भी घोषणा की।
क्या है शंघाई सहयोग संगठन ?
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग का संगठन है, जिसकी शुरुआत चीन और रूस के नेतृत्व में हुई थी। साल 1996 में रूस, चीन, ताजिकिस्तान, कजाकस्तान और किर्गिस्तान ने आपसी सहयोग को लेकर एक संगठन बनाया था जिसका नाम उस समय शंघाई-5 दिया गया था। साल 2001 में उज्बेकिस्तान के इसमें शामिल होने के बाद इसका नाम शंघाई सहयोग संगठन दिया गया। 2014 में भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता के लिए आवेदन किया। रूस के उफ़ा में भारत को शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य का दर्जा मिलने का ऐलान 2015 में हुआ। भारत जून 2017 में पाकिस्तान के साथ इस संगठन का पूर्ण सदस्य बना।
Published on:
10 Jun 2018 12:00 pm
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