
जापानः टोक्यो सरीन गैस हमले के दोषी शोको असहारा को फांसी, 13 लोगों की हुई थी मौत
टोक्यो। जापान में ओम श्रींकिओ पंथ का प्रवर्तक शोको असहारा उर्फ चीजो मत्सुमोतो को फांसी दे दी गई है। साल 1995 में टोक्यो सब-वे पर हुए सरीन गैस हमले में असहारा को दोषी माना गया था। इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी जबकि छह हजार से अधिक लोग घायल हुए थे। उस समय इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हुई थी। शोको असहारा पिछले 22 वर्षों से जेल में बंद था।
ऐसे किया था हमला
20 मार्च 1995 को ओम ग्रुप के सदस्यों ने सुबह 5 बजे टोक्यो सब-वे पर सरीन गैस से हमला बोल दिया था। इस हमले में 13 बेकसूर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस हमले के बाद शोको असहारा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार 2006 में असहारा और उसके 12 अनुयायियों को मौत की सजा सुनाई गई।
10 हजार से अधिक थे अनुयायी
शोको असहारा अपने प्रशंसकों को लुभाने के लिए चमत्कारों और रहस्यवाद का सहारा लेता था। बताया जाता है कि असहारा के पास किसी समय 10 हजार से अधिक अनुयायी थे। आरोप है कि असहारा के सभी अनुयायी टोक्यो केमिकल हमले में शामिल थे। ऐसा माना जाता है कि शोको असहारा काफी अच्छा वक्ता था।
1980 में की ओम पंथ की स्थापना
जब बड़ी संख्या में लोग शोको असहारा के अनुयायी होने लगे तो उसने मौके का फायदा उठाते हुए साल 1980 में ओम पंथ की स्थापना की। बताया जाता है कि शोको असहारा लोगों का ब्रेनवॉश बड़ी आसानी से कर देता था। शोको अपने अनुयायियों से कहता था कि वह उन्हें ऐसी शक्ति देगा जिससे वे भगवान को आसानी से हासिल कर लेंगे।
हिंसक प्रवृत्ति का था शोको
शोको असहारा का जन्म से ही काफी गरीब था। जापान के क्यूशू द्वीप में साल 1955 को जन्में असहारा को जन्म से ही काफी कम दिखाई देता था। जब उसका दाखिला स्कूल में हुआ तो वह क्लास के सभी बच्चों को धमकाता था। ऐसा माना जाता है कि वह बचपन से ही हिंसक प्रवृत्ति का था।
Published on:
06 Jul 2018 01:15 pm
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