
कोलंबो: बम धमाकों में आरोपी की बहन ने जताई चिंता, उसके 18 परिवारिक सदस्य लापता हैं
कोलंबो। 22 अप्रैल को एक के बाद एक आठ बम विस्फोटों से तबाह हुआ पड़ोसी देश श्रीलंका अब सुरक्षित है। तीनो सेनाओं के कमांडरों और पुलिस प्रमुख ने सोमवार रात एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पर्याप्त उपायों के साथ देश की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है और विशेष सुरक्षा योजना को लागू करने के लिए कदम उठाए गए हैं। कार्यवाहक पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि तीन चर्चों और तीन लक्जरी होटलों पर हुए हमलों से सीधे जुड़े सभी लोगों को या तो गिरफ्तार कर लिया गया है या उन्हें मार दिया गया है।
सेफ घोषित हुआ श्रीलंका
कार्यवाहक पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि माना जा रहा है कि सभी विस्फोटकों को स्थानीय इस्लामवादी संगठन नेशनल जमात द्वारा मंगवाया गया था। उन्होंने कहा कि हमलों के लिए यह संगठन सबसे अधिक दोषी था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,“आतंकवादी समूह के पास मौजूद सभी विस्फोटक जब्त कर लिए गए हैं। समूह के साथ संबंध रखने वाले लगभग सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके दो बम विशेषज्ञ झड़पों में मारे गए हैं।" पुलिस चीफ ने खुशी का इजहार करते हुए कहा, "पुलिस खुशी से घोषणा कर सकती है कि प्रत्यक्ष लिंक वाले सभी को या तो गिरफ्तार कर लिया गया है या अब तक मार दिया गया है।"
आतंकियों का खात्मा
हालांकि विक्रमरत्ने ने यह नहीं बताया कि बम विस्फोटों में कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं, लेकिन पुलिस प्रवक्ता रूवान गुनशेखरा ने सोमवार को कहा कि नौ महिलाओं सहित 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनसे सीआईडी और आतंकवाद जांच विभाग (टीआईडी) द्वारा पूछताछ की जा रही थी। पुलिस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने 140 मिलियन से अधिक नकद और नेशनल तौहीद जमात से संबंधित 7 अरब रुपये से अधिक की अन्य संपत्ति की पहचान की है। आपको बता दें कि इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इन हमलों का दावा किया था।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना द्वारा हमलों के बारे में खुफिया चेतावनियों पर कार्रवाई करने में विफलता पर पूर्ववर्ती पुलिस प्रमुख को निलंबित करने के बाद पिछले हफ्ते नए पुलिस प्रमुख के रूप में विक्रमरत्ने को नामित किया गया था। विक्रमरत्ने ने जनता से आग्रह किया कि वे असत्यापित रिपोर्टों से गुमराह न हों। सरकार ने सोमवार को स्कूलों को फिर से खोल दिया है लेकिन डर से अभिभावकों ने बच्चो को स्कूल नहीं भेजा और कई स्थानों पर बच्चों की उपस्थिति 10 प्रतिशत से नीचे चली गई। उधर सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके ने कहा कि आपातकालीन नियमों के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
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Updated on:
07 May 2019 06:13 pm
Published on:
07 May 2019 06:08 pm
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