29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध आगे बढ़ाने पर श्रीलंका का जोर, पीएम महिंदा राजपक्षे ने कहा- हमारा रिश्ता अटूट

पीएम महिंदा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाएगा महिंदा राजपक्षे ने कहा कि चीन ने श्रीलंका के राष्ट्रीय विकास में बड़ी सहायता की है

2 min read
Google source verification
mahinda_rajpaksa.jpeg

बीजिंग। श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद से सियासी समीकरण बदल गए और इसके साथ ही विदेश नीति में भी बदलाव देखने को मिलने लगा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे ने बतौर राष्ट्रपति अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आने का फैसला किया और वे बीते महीने के आखिर में तीन दिनों के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे।

लेकिन अब श्रीलंका और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियां भारत के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि चीन और भारत के बीच कई मामलों में 36 का आंकड़ा है। जबकि इसके विपरित चीन और श्रीलंका के बीच गहरे संबंध हैं। गौतबाया को चीन का करीबी माना भी जाता है।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति की भारत यात्रा से डरा PAK, विदेश मंत्री कुरैशी ने कोलंबो में गौतबाया राजपक्षे से की मुलाकात

अब श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि नई सरकार के सामने सबसे जरूरी काम राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण है और एक मजबूत नई सरकार स्थापित हुई है और हमें राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बहाल करने का विश्वास है।

कोलंबो में 7 दिसंबर को सिन्हुआ न्यूज एजेंसी से साक्षात्कार में महिंदा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका की नई सरकार भविष्य में चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों का विकास करने की अपेक्षा रखती है।

श्रीलंका-चीन का रिश्ता अटूट: राजपक्षे

महिंदा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका और चीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का लंबा इतिहास है, जो मजबूत और अटूट है। वह दोनों देशों के व्यावहारिक सहयोग और लंबे समय तक चीन के श्रीलंका को समर्थन देने का आधार है। चीन ने श्रीलंका के राष्ट्रीय विकास में बड़ी सहायता दिया है।

महिंदा राजपक्षे ने पश्चिमी देशों के चीनी परियोजनाओं से श्रीलंका के कर्ज के जाल में फंसने की बातों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की नयी सरकार मानती है कि हम्बनटोटा पोर्ट समेत बड़ी परियोजनाओं का उज्जवल भविष्य है और श्रीलंका संबंधित ऋण चुकाने में सक्षम है।

श्रीलंका को 2865 करोड़ रु का कर्ज देगा भारत, राजपक्षे ने की भारतीय मछुआरों के सभी नाव छोड़ने की घोषणा

हाल ही में कुछ विदेशी मीडिया ने राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे के हम्बनटोटा पोर्ट संबंधी कथन को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। महिंदा राजपक्षे ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इन मीडिया ने राष्ट्रपति के मतलब को गलत ढंग से पेश किया।

उन्होंने कभी नहीं कहा है कि श्रीलंका ने हम्बनटोटा पोर्ट के नियंत्रण अधिकार को बेच दिया है और यह भी नहीं कहा है कि हम्बनटोटा पोर्ट के समझौते से श्रीलंका की प्रभुसत्ता को नुकसान पहुंचा है।

Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.